नई युद्ध की तैयारी में जुटा चीन-पाकिस्तान, इंफो-वॉरफेयर के आधार पर दुनिया फतह करने की तैयारी
भारत की खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन का मानना है कि वो अर्थव्यवस्था, तकनीक और रक्षा क्षेत्र में काफी प्रगति कर चुका है, लेकिन इंफो-डोमेन में वो अभी काफी पीछे है. इसलिए. चीन मेन-स्ट्रीम मीडिया और सोशल मीडिया दोनों पर हावी होना चाहता है. चीन का मानना है कि जंग के मैदान में लड़ने के बजाए 'नेरेटिव की लड़ाई' में जीतना बेहद जरुरी है.
नई दिल्लीः एलएसी पर चीन और एलओसी पर पाकिस्तान मार खाने के बाद अब एक नई युद्ध की तैयारी में जुट गए हैं. ये युद्ध जंग के मैदान में नहीं लड़ा जाएगा. ये युद्ध है इंफो-वॉरफेयर यानि इंफोर्मेशन और प्रोपेगेंडा के आधार पर दुनिया को फतह करने का सपना. हाल ही में भारतीय खुफिया एजेंसियों ने चीन और पाकिस्तान की एक गोपनीय मीटिंग को इंटरसेप्ट किया तो इस बात का खुलासा हुआ कि चीन और पाकिस्तान दोनों ही, जंग के मैदान से ज्यादा अब 'नेरेटिव' की जंग लड़ने की साजिश रच रहे हैं. एबीपी न्यूज ने सुरक्षा खुफिया एजेंसियों की इस रिपोर्ट को देखा है जिसे भारत सरकार के साथ साझा किया गया है.
एबीपी न्यूज को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, चीन और पाकिस्तान सैन्य-क्षेत्र में साझेदारी के साथ अब वर्चुयल-दुनिया में अपनी क्षमताएं बढ़ाने की फिराक में हैं. इसके लिए दोनों देश जल्द ही एक कॉन्फ्रेंस करने जा रहे हैं. इस कॉन्फ्रेंस में खास तौर से इंफो-वॉरफेयर पर चर्चा की जानी है. जो इंटरसेप्ट पकड़े गए हैं उसके मुताबिक, चीन अपने आप को 21वीं सदी का सुपर-वॉर मान चुका है और चाहता है कि दुनिया वो देखे जो वो दिखाना चाहता है ताकि उसके बारे में जो भ्रांतियां दुनियाभर में फैली हुई है उसे खत्म किया जा सके.
इंफो-वॉरफेयर के लिए चीन को लेकिन पाकिस्तान की सख्त जरूरत है. चीन चाहता है कि पाकिस्तान एक ऐसा ग्लोबल न्यूज चैनल शुरू करे जो अल-जजीरा या फिर रूस के आरटी यानि रशियन टू की टक्कर को हो. इस ग्लोबल न्यूज चैनल की पूरी फंडिंग चीन करेगा. इस चैनल के लिए अतर्राष्ट्रीय-स्तर के पत्रकार और एक्सपर्ट की भर्ती की जाएगी. लेकिन इस चैनल पर चीन का प्रोपेगेंडा ही छाया रहेगा. इस प्रोपेगेंडा को चीन इस चैनल के माध्यम से दुनिया को सच की तरह परोसने की कोशिश करेगा. आपको बता दें कि चीन का सीजीटीएन (पहले सीसीटीवी) चैनल कई देशों में प्रसारित होता है. लेकिन चीन का आधिकारिक न्यूज चैनल होने के कारण दुनिया इस पर ज्यादा विश्वास नहीं करती है.
चीन और पाकिस्तान दोनों किस तरह झूठ को सच की तरह ढिंढोरा पीटने की कोशिश करते हैं उसके लिए एबीपी न्यूज दो बड़े उदाहरण देने जा रहा है. पहला है पिछले साल यानि अगस्त 2020 का, जब पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर भारत और चीन का टकराव चल रहा था. इस दौरान दोनों देशों के बीच गलवान की खूनी झड़प भी हुई थी. इस दौरान भारत पर मनोवैज्ञानिक दवाब बनाने के लिए चीन लगातार पीएलए सेना और सैनिकों की तस्वीरें और वीडियो जारी कर रहा था. ड्रोन के जरिए सैनिकों को गरम खाने भेजने के वीडियो से लेकर रोबोट-सोल्जर्स की तस्वीरें जारी कर रहा था. लेकिन इस दौरान एक ऐसी तस्वीर सामने आई जिसने चीन की सच्चाई की पोल खोल दी. ये तस्वीर थी हाथ में मध्यकालीन बरछी-भाले लिए चीन के सैनिक, जो भारत की एक पोस्ट यानि चौकी के करीब आने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन जैसे ही चौकी पर तैनात भारतीय सैनिकों ने उनपर फायरिंग करने की धमकी दी, चीनी सैनिक वहीं ठिठक गए और आगे नहीं बढ़ पाए.
दूसरा प्रोपेगेंडा है पाकिस्तान से जुड़ा हुआ. मार्च 2019 में भारत और पाकिस्तान के बीच एलओसी पर जबरदस्त टकराव चल रहा था. उसी दौरान पाकिस्तान ने कराची के करीब समंदर में एक भारतीय पनडुब्बी का वीडियो जारी किया. वीडियो के साथ कहा गया कि भारतीय पनडुब्बी पाकिस्तान की समुद्री सीमा में दाखिल होने की कोशिश कर रही थी. लेकिन पाकिस्तानी नौसेना की चेतावनी के बाद भारतीय नौसेना की पनडुब्बी वहां से भाग खड़ी हुई. लेकिन पाकिस्तान का झूठ जल्द ही बेनकाब हो गया. क्योंकि ये वीडियो भारत की स्कोर्पीन क्लास सबमरीन का था जो हाल ही में भारतीय नौसेना की जंगी बेड़े में शामिल हुई थी. जंगी बेडे़ में शामिल होने से पहले भारतीय नौसेना ने आधिकारिक तौर से कलवरी का वीडियो में ऑपरेशन का वीडियो जारी किया था. पाकिस्तान ने इसी वीडियो के ऊपर नए मार्कर लिख कर घुसपैठ करने का दावा कर दिया.
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