भारत-अमेरिका के सामने 2 दिन में दूसरी बार UN में चीन बना रोड़ा, हाफिज सईद के बेटे को ब्लैकलिस्ट होने से रोका
चीन एक बार फिर भारत और अमेरिका के सामने रोड़ा बनकर खड़ा हो गया है. संयुक्त राष्ट्र में चीन ने एक बार फिर लश्कर-ए-तैयबा के नेता हाफिज तलह सईद को वैश्विक आतंकवादी घोषित होने से बचा लिया है.
United Nation: संयुक्त राष्ट्र में भारत और अमेरिका ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी हाफिज तलह सईद, लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज सईद के बेटे को ब्लैक लिस्ट में डालने का प्रस्ताव रखा, जिस पर चीन ने एक बार फिर रोक लगा दी. भारत और अमेरिका के सामने चीन 2 दिन में दूसरी बार रोड़ा बना. 46 वर्षीय हाफिज तलहा सईद आतंकवादी समूह लश्कर का एक प्रमुख नेता है और 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का बेटा है. इसी साल अप्रैल में उसको भारत सरकार ने आतंकवादी घोषित कर दिया था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन ने हाफिज तलह सईद को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत जोड़ने के प्रस्ताव पर रोक लगा दी है. दो दिनों से भी कम समय में यह दूसरी बार है जब बीजिंग ने भारत और अमेरिका को ऐसे झटका दिया है. चीन ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी को वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित करने के लिए प्रस्तुत प्रस्ताव पर रोक लगा दी है.
भारतीयों हितों के खिलाफ काम करता है हाफिज तलह सईद
एक अधिसूचना में भारत के गृह मंत्रालय ने कहा था कि हाफिज तलह सईद भारत में और अफगानिस्तान में भारतीय हितों में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की भर्ती, धन संग्रह और योजना बनाने और हमलों को अंजाम देने में सक्रिय रूप से शामिल रहा है. वह सक्रिय रूप से पाकिस्तान भर में विभिन्न लश्कर केंद्रों का दौरा कर रहा है और भारत, इजराइल, संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों में भारतीय हितों के खिलाफ जिहाद का प्रचार कर रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाफिज तलहा सईद लश्कर का एक वरिष्ठ नेता है और आतंकवादी संगठन के मौलवी विंग का प्रमुख है.
महमूद को भी चीन ने बचाया
बीजिंग ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत 42 वर्षीय महमूद को भी वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित करने के भारत और अमेरिका के प्रस्ताव पर रोक लगा दी. अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने दिसंबर 2016 में महमूद के साथ-साथ लश्कर के एक अन्य नेता मुहम्मद सरवर को "लश्कर के धन उगाहने और समर्थन नेटवर्क को बाधित करने के लिए" कार्रवाई के हिस्से के रूप में नामित किया था.
महमूद ने फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (FIF) के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया, जो लश्कर-ए-तैयबा की मानवीय और धन उगाहने वाली शाखा है. 2014 में महमूद कराची में एफआईएफ के नेता थे. वहीं अगस्त 2013 में महमूद की पहचान लश्कर-ए-तैयबा की प्रकाशन शाखा के सदस्य के तौर पर हुई थी.
भारत और अमेरिका पर महमूद का दावा
अमेरिकी ट्रेजकी विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, "महमूद पहले साजिद मीर के नेतृत्व वाली लश्कर-ए-तैयबा की विदेशी ऑपरेशन टीम का हिस्सा था...इसके अलावा, अगस्त 2013 में महमूद को बांग्लादेश और बर्मा में इस्लामी संगठनों के साथ गुप्त संबंध बनाने का निर्देश दिया गया था और 2011 के अंत तक महमूद ने दावा किया कि लश्कर-ए-तैयबा की प्राथमिक चिंता भारत और अमेरिका पर हमला करने वाली होनी चाहिए."
चार महीनों में पांचवीं बार चीन बना रोड़ा
चार महीनों में यह पांचवीं बार है जब चीन ने 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति शासन के तहत पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों को नामित करने के प्रस्तावों पर रोक लगा दी है. इस साल जून में चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल-कायदा प्रतिबंध समिति के तहत पाकिस्तान स्थित आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को ब्लैकलिस्ट करने के लिए भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव पर आखिरी समय में रोक लगा दी थी. मक्की हाफिज सईद का बहनोई है. फिर अगस्त में चीन ने पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के वरिष्ठ नेता अब्दुल रऊफ अजहर को ब्लैकलिस्ट करने के अमेरिका और भारत के प्रस्ताव पर फिर से रोक लगा दी.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय सत्र में अपने संबोधन में कहा, "जो लोग यूएनएससी 1267 प्रतिबंध व्यवस्था का राजनीतिकरण करते हैं, कभी-कभी घोषित आतंकवादियों का बचाव करने की हद तक भी, वे अपने जोखिम पर ऐसा करते हैं. मेरा विश्वास करो, वे न तो अपने हितों को आगे बढ़ाते हैं और न ही वास्तव में अपनी प्रतिष्ठा को."