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Quad Summit के बीच जापानी एयरस्पेस के नजदीक से गुजरा चीन-रूस का लड़ाकू विमान, टोक्यो बोला- उकसाने वाली कार्रवाई
China Russia Military Exercise: मंगलवार को टोक्यो में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने क्वाड देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ अहम बैठक की थी.
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संजीव श्रीवास्तव, फॉरेन एक्सपर्ट
Opinion
China Russia Military Exercise: जापान (Japan) की राजधानी टोक्यो (Tokyo) में जब क्वाड देशों के राष्ट्राध्यक्ष चीन (China) पर नकेल कसने की तैयारियों में जुटे थे उसी वक्त चीन और रुस की वायुसेनाएं जापान-सागर के आसमान में साझा युद्धाभ्यास (Military Exercise) कर रही थीं. मंगलवार की शाम चीन के रक्षा मंत्रालय ने संक्षिप्त बयान जारी कर बताया कि सालाना सैन्य सहयोग के तहत चीन और रुस की वायुसेनाओं ने जापान-सागर, ईस्ट चायना सी (पूर्वी चीन सागर) और पश्चिमी प्रशांत महासागर (Western pacific ocean) में रुटीन साझा स्ट्रेटेजिक पैट्रोलिंग की. हालांकि, चीन की तरफ से इस बयान के अलावा कोई और जानकारी नहीं दी गई लेकिन बाद में चीन के सरकारी अखबार, पीपुल्स डेली ने रक्षा मंत्रालय के बयान के साथ चीन के बॉम्बर (विमान) की आसमान में पैट्रोलिंग करते हुए एक तस्वीर भी साझा की.
आपको बता दें कि मंगलवार को टोक्यो में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने क्वाड देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ अहम बैठक की थी. इस मीटिंग में पीएम मोदी के अलावा अमेरिका के राष्ट्रपति, जो बाइडन, जापान के प्रधानमंत्री फ्यूमो किशिदा और आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री, एंथनी अल्बेनेस शामिल थे. इस मीटिंग के बाद चारों देशों ने एक साझा बयान जारी किया. साझा बयान में बिना नाम लिए चीन और रुस पर निशाना साधा गया था.
दक्षिण चीन सागर में दादागिरी दिखाने के लिए चीन पर सीधा निशाना साधा गया तो यूक्रेन जंग को लेकर रुस पर टिप्पणी की गई थी. यूक्रेन को लेकर अमेरिका और रुस की तनातनी किसी से छिपी नहीं है, तो चीन की भारत, जापान और आस्ट्रेलिया से तनातनी चल रही है. ताइवान को लेकर अमेरिका भी चीन के खिलाफ सैन्य कारवाई की धमकी दे चुका है.
नौसेना दूसरे देशों की युद्धपोतों के आने पर आंखें तरेरती है
क्वाड के साझा बयान में इंडो-पैसेफिक क्षेत्र और खासतौर से दक्षिण चीन सागर में फ्रीडम ऑफ नेवीगेशन यानि किसी भी देश की नौसेना को यहां तैनात रहने की खुली छूट होने पर जोर दिया गया था. क्योंकि साउथ चायना सी में चीन की नौसेना दूसरे देशों की युद्धपोतों के आने पर आंखें तरेरती है.
भारत और जापान की नौसेनाएं सालाना मालाबार एक्सरसाइज में भी हिस्सा लेती हैं. मालाबार एक्सरसाइज में चारों क्वाड देशों की नौसेनाएं यानी भारत, जापान, अमेरिका और आस्ट्रेलिया हिस्सा लेती हैं. चारों क्वाड देशों की नौसेनाओं की इस नेवल एक्सरसाइज पर चीन कई बार ऐतराज जता चुका है. लेकिन सोमवार को जारी क्वाड देशों के साझा बयान में चीन की तरफ इशारा करता हुए साफ तौर से कहा गया कि चारों क्वाड देश संयुक्त राष्ट्र के लॉ ऑफ द सी यानि समंदर के कानून (यूएनसीएलओएस) का पालन करेंगे और दक्षिण और पूर्वी चीन सागर में नेविगेशन और ओवरफ्लाइट की स्वतंत्रता को बनाए रखने में मदद करेंगे. चीन का बिना नाम लिए बयान में कहा गया कि इस क्षेत्र में किसी भी ऐसी उत्तेजक या एक-तरफा कारवाई का कड़ा विरोध करेंगे जिससे यथा-स्थिति बदलने की कोशिश की जाएगी.
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