चीन ने शुक्रवार को कहा कि चीनी बंदरगाहों पर फंसे दो पोतों पर सवार भारतीय चालक दल की स्थिति और भारत के साथ बीजिंग के तनावपूर्ण रिश्तों के बीच आपस में कोई संबंध नहीं है.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को नई दिल्ली में कहा कि चीन के जलक्षेत्र में दो पोत खड़े हैं जिनपर चालक दल के 39 भारतीय सदस्य सवार हैं. इन पोतों को अपना माल उतारने की अनुमति नहीं दी गई है, जबकि कुछ अन्य पोत अपना माल उतार चुके हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘इस अभूतपूर्व स्थिति की वजह से चालक दल के सदस्य गंभीर तनाव का सामना कर रहे हैं.’’ श्रीवास्तव ने कहा कि मालवाहक पोत ‘एमवी जग आनंद’ चीन के हुबेई प्रांत के जिंगतांग बंदरगाह के पास गत 13 जून से खड़ा है और इसपर 23 भारतीय नाविक सवार हैं.
उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अन्य पोत ‘एमवी अनस्तासिया’ चीन के काओफीदियान बंदरगाह के पास माल उतारने के इंतजार में 20 सितंबर से खड़ा है जिसपर चालक दल के रूप में 16 भारतीय सवार हैं. श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘बीजिंग स्थित हमारा दूतावास चीन के प्रांतीय और केंद्रीय अधिकारियों के लगातार संपर्क में है और पोत को लंगर डालने या चालक दल को बदलने की अनुमति देने का आग्रह कर रहा है.’’
यह पूछे जाने पर कि क्या इस घटना का संबंध भारत और चीन के बीच तनावपूर्ण रिश्तों से है, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने एक संवाददाता सम्मेलन में आज कहा, ‘‘हम बार-बार कह चुके हैं कि पृथक-वास कदमों को लेकर चीन का स्पष्ट रुख है. इस संबंध में चीन भारतीय पक्ष के लगातार संपर्क में है और उनके आग्रह का जवाब दे रहा है तथा उनके लिए आवश्यक सहायता उपलब्ध करा रहा है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक मैं समझता हूं, चीन पृथक-वास संबंधी खास शर्तों के पूरा होने पर चालक दल को बदलने की अनुमति देता है, लेकिन इस तरह के चालक दल परिवर्तन के लिए जिंगतांग बंदरगाह का नाम सूची में नहीं है.’’ वांग ने हालांकि, काओफदियान बंदरगाह पर चालक दल के 16 भरतीय सदस्यों के बारे में कोई जिक्र नहीं किया.
उन्होंने कहा, ‘‘विशिष्ट जानकारी के लिए आप सक्षम और स्थानीय अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं.’’ वांग ने कहा, ‘‘इस बारे में कि क्या इसका द्विपक्षीय संबंधों से कोई लेना-देना है, मुझे नहीं लगता कि इसका आपस में कोई संबंध है.’’ भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद को लेकर महीनों से सैन्य गतिरोध बरकरार है और इससे दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं.