नई दिल्ली: रेलवे ने वन्दे भारत एक्सप्रेस ट्रेन सेट को बनाने के लिए चीन की कंपनी के टेंडर को अयोग्य घोषित कर दिया है. वन्दे भारत के 44 ट्रेन सेटों को बनाने का टेंडर रेलवे की संस्था इंटिग्रल कोच फ़ैक्टरी (आईसीएफ़) ने जारी किया था. इस टेंडर में चीन की कंपनी सीआरआरसी ने भारत की कंपनी पायनियर इलेक्ट्रिक (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिल कर एक साझे उद्यम के रूप में बिड किया था.
इससे पहले भी चीन ने कोशिश की थी
वन्दे भारत के 44 ट्रेन सेटों को बनाने के लिए पिछले साल भी रेलवे ने टेंडर जारी किया था लेकिन तब चीन की कम्पनी ने टेंडर के नियमों के अनुसार अपने को ढालते हुए एक नई कम्पनी बना कर टेंडर किया था, जिसके चलते रेलवे ने वो टेंडर ही कैंसिल कर दिया था. नए सिरे से निकाले गए टेंडर में चीन ने एक बार फिर एक भारतीय पार्टनर के साथ मिलकर कोशिश की थी लेकिन इस बार फिर रेलवे ने अपने इस मेगा प्रॉजेक्ट से चीन को दूर कर दिया है.
मेधा को मिल सकता है टेंडर
चीन की साझा कम्पनी को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद अब इस टेंडर के लिए सिर्फ़ दो ही कंपनियां मैदान में रह गई हैं. ये कंपनियां हैं मेधा सर्वो ड्राइव्स और मेधा. इसके अलावा मेधा को देश की पहली दो वन्दे भारत ट्रेन सेट को आईसीएफ़ चेन्नई के साथ मिलकर काफ़ी कम क़ीमत में बनाने का अनुभव भी हासिल है.
इन ट्रेनों के डिब्बे रेलवे ख़ुद बनाएगा
क़रीब 1800 करोड़ रूपए के वन्दे भारत ट्रेन सेट प्रॉजेक्ट में जिस कम्पनी को टेंडर मिलेगा वो 44 ट्रेन सेटों को ऐसी स्थिति बना कर आईसीएफ़ को सौंपेगी जिसमें ट्रेन के डिब्बों निचला हिस्सा तो होगा लेकिन ऊपर का ढांचा नहीं होगा. ऊपरी ढांचे को आईसीएफ़ की देख रेख में रेलवे की तीनों कोच फैक्टरियों में बनाया जाएगा. इस वक़्त देश में चल रही पहली दो वन्दे भारत ट्रेन सेटों को आईसीएफ़ चेन्नई ने ही बनाया था. रेलवे ने फ़ैसला लिया है कि जल्द से जल्द इस प्रॉजेक्ट को पूरा करने के लिए मॉर्डन कोच फ़ैक्टरी राय बरेली , रेल कोच फ़ैक्टरी कपूरथला और इंटिग्रल कोच फ़ैक्टरी चेन्नई में वन्दे भारत सेमी हाई स्पीड ट्रेन के डिब्बे बनाए जाएंगे.
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