INS Vikrant: चीन-ताइवान में टेंशन के बीच ऐसी है समंदर में भारत की तैयारी, नौसेना के वाइस चीफ ने बताया
INS Vikrant: भारतीय नौसेना के वाइस चीफ एस एन घोरमडे ने दावा किया है कि चीन और ताइवान के बीच चल रहे तनाव का असर अगर भारत पर पड़ेगा तो हमारी नौसेना पूरी तरह से जवाब देने को तैयार है.
INS Vikrant: भारतीय नौसेना के वाइस चीफ, एस एन घोरमडे (Vice Admiral Ghormade) ने दावा किया है कि चीन-ताइवान (China Taiwan Tension) के बीच चल रहे तनाव के दौरान भारत की समंदर में तैयारियां पूरी हैं. भारतीय नौसेना (Indian Navy) किसी भी खतरे से निपटने के लिए अपनी सैन्य क्षमताओं को लगातार मजबूत कर रही है. देश के पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर (Country Made Aircraft Carrier), आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) की कर्टन रेजर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वाइस चीफ (सह-प्रमुख)दिल्ली में मीडिया से बात कर रहेे थे.
हर मोर्चे पर मजबूत हो रही है
इस दौरान एबीपी न्यूज़ ने सवाल किया कि चीन और ताइवान के बीच जो तनाव चल रहा है और अगर ये किसी युद्ध में तब्दील हो गया तो इसका असर भारत की समुद्री-सुरक्षा पर कैसे पड़ेगा और इसके लिए नौसेना की क्या तैयारी है. इस सवाल के जवाब में वाइस एडमिरल घोरमडे ने कहा कि भारत की समुद्री-तैयारियां पूरी हैं और भविष्य में होने वाले खतरों से निपटने के लिए भारतीय नौसेना तकनीक और सैन्य क्षमताओं के जरिए खुद को मजबूत करने में जुटी है.
सह-नौसेना प्रमुख ने कहा कि हिंद महासागर में होने वाले किसी भी खतरे से निपटने के लिए फोर्स-लेवल का होना बेहद जरुरी है. यही वजह है कि आईएनएस विक्रांत को जल्द से जल्द बनाकर तैयार किया गया है. इसके अलावा रूस से लिए गए आईएनएस विक्रमादित्य को भी जल्द से जल्द रिफिट करने की कोशिश जारी हैं.
भारत को शक्तिशाली मेरीटाइम राष्ट्र बनाना है
श्रीलंका में चीन के स्पाई शिप और चीनी नौसेना की हिंद महासागर में बढ़ती गतिविधियों पर वाइस एडमिरल ने कहा कि देश को मेरीटाइम सिक्योरिटी मुहैया कराना भारतीय नौसेना की अहम जिम्मेदारी है और हम चाहते हैं कि भारत एक शक्तिशाली मेरीटाइम राष्ट्र बने. उन्होंने कहा कि विक्रांत के नौसेना के जंगी बेड़े में शामिल होने से ऐसी किसी भी गतिविधि पर रोक लगेगी.
प्रीडिएटर ड्रोन लेने के लिए चल रही बातचीत
नौसेना के सह-प्रमुख ने ये भी बताया कि रक्षा मंत्रालय और सरकार से दूसरे स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर को लेकर भी चर्चा चल रही है. इस सवाल पर कि क्या अमेरिका से भारत प्रीडेटर ड्रोन लेगा? इस सवाल पर वाइस एडमिरल ने कहा कि स्वदेशीकरण ही हमारे लिए आगे का मार्ग है और नौसेना चाहती है कि डीआरडीओ इस तरह का कोई लॉन्ग एंडियूरेंस अनमैन्ड एरियल व्हीकल तैयार करे. हालांकि बाद में उन्होनें ये बात स्वीकार की कि प्रीडेटर ड्रोन लेने पर बातचीत जारी है.
तैयार है भारत का स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत
भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर (Aircraft Carrier), आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) बनकर तैयार हो चुका है और दो सितंबर को यह केरल के कोच्चि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की मौजूदगी में नौसेना (Indian Navy) के जंगी बेड़े में शामिल हो जाएगा. इस सैन्य कार्यक्रम की जानकारी देते हुए वाइस एडमिरल घोरमडे (Vice Admiral Ghormade) ने कहा कि आईएनएस विक्रांत के बनने से भारत दुनिया की उन छह देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है, जिनके पास 40 हजार टन के विमान-वाहक युद्धपोत बनाने की तकनीक है. ये देश हैं अमेरिका, रूस, फ्रांस, इंग्लैंड और चीन.
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