India-China Border Dispute: नए साल के मौके पर गलवान घाटी में चीनी सैनिकों का झंडा फहराना क्या एक महज ड्रामा था, जिसके लिए चीनी सैनिक नहीं बल्कि फिल्मी कलाकारों का इस्तेमाल किया गया था. ये सवाल एक अंतर्राष्ट्रीय पोर्टल के दावे के बाद खड़े हो रहे हैं. पोर्टल का ये भी दावा है कि चीन के झंडा फहराने का वीडियो गलवान घाटी से 28 किलोमीटर दूर अक्साई चिन इलाके का है. 


'कार्बुन ट्रेसी' नाम के पोर्टल का दावा है कि चीनी वीडियो में  जो एक सैनिक दिखाई पड़ रहा है, वो कोई और नहीं बल्कि चीन का फिल्मी कलाकार, वू जिंग है. पोर्टल का दावा है कि वीडियो में जो चीनी महिला सैनिक दिखाई पड़ी थी वो कोई और नहीं बल्कि वू जिंग की पत्नी, शिए नान है. शिए नान भी चीनी कलाकार के साथ-साथ टीवी होस्ट भी है. पोर्टल ने ये दावा चीन के सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'विबो' पर कोई चीनी नागरिकों द्वारा इस गलवान घाटी में चीनी झंडा फहराए जाने के वीडियो पर सवाल खड़े किए जाने के बाद किया है. पोर्टल का दावा है कि विबो पर ही चीनी सैनिकों की हकीकत उजागर की गई थी. लेकिन जैसे ही मामले ने तूल पकड़ा उन सभी विबो एकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया गया.


नए साल के मौके पर चीन के सरकारी मीडिया और पत्रकारों ने ट्वीटर पर एक वीडियो पोस्ट किया था. पोस्ट में दावा किया गया था कि ये वीडियो गलवान घाटी का है और चीन की पीप्लुस लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिक वहां अपना राष्ट्रध्वज फहरा रहे हैं. वे एक देशभक्ति का गाना गाते हुए भी सुने जा सकते थे. उसी दौरान चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने भी एक वीडियो को पोस्ट करते हुए उसे गलवान घाटी का बताया था जिसमें चीनी सैनिक अपनी एक इंच जमीन भी ना गंवाने की शपथ लेते हुए दिखाई पड़ रहे थे. 


इसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने सरकार पर हमला बोलते हुए ट्वीट भी किया था.  हालांकि, बाद में भारत ने भी गलवान घाटी में भारतीय सेना की एक ओबजर्वेशन पोस्ट पर तैनात सैनिकों के हाथों में तिरंगा लिए तस्वीरें जारी की थी जिसके बाद ही बवाल शांत हुआ था.  गुरूवार को भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता, अरिंदम बागची ने भी चीन के प्रोपेगेंडा वीडियो पर सवाल खड़े किए थे और कहा था कि ये तथ्यात्मक तौर से सही नहीं है. 


कार्बुन ट्रेसी पोर्टल का ये भी दावा है कि वू जिंग ने कई बार चीनी फिल्मों में पीएलए सैनिक का किरदार निभाया है. चीन की अब तक की सबसे महंगी फिल्म, बैटल ऑफ लेक चैंगजिन में भी वू जिंग भी चीनी सैनिक का रोल किया था. इस फिल्म की कहानी को सीसीपी यानि चायनीज कम्युनिस्ट पार्टी ने हरी झंडी दी थी, जो सीसीपी के 100वीं वर्षगांठ का हिस्सा थी.  


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गुरूवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता, अरिंदम बागची ने पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग-त्सो लेक पर चीन द्वारा बनाए जा रहे पुल को लेकर भी चीन को आड़े हाथो लिया, अरिंदम बागची ने कहा कि पैंगोग-त्सो झील पर चीनी सेना वहां पुल बना रही है जो पिछले 60 सालों से चीन के गैर-कानूनी कब्जे में है. भारत ने कभी चीन के इस गैर-कानूनी कब्जे को स्वीकार नहीं किया है. 


प्रवक्ता के मुताबिक, भारत सरकार अपने सुरक्षा-हितों की सुरक्षा को लेकर प्रभावी कदम उठा रही है. साथ ही पिछले सात सालों में सीमावर्ती इलाकों में सड़क, पुल और दूसरे इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए सरकार ने बजट भी काफी बढ़ा दिया है. इससे स्थानीय लोगों का आवाजाही तो सुगम हुई ही है साथ ही सेना को लॉजिस्टिकल सपोर्ट भी मिली है. 



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