China Votes Against India: वैश्विक स्तर पर आतंकवाद (Terrorism) का खात्मा करने करने की भारत की लड़ाई (India Fight Against Terrorism) में चीन (China) ने एक बार रोड़ा अटका दिया है. चीन ने एक बार फिर इस लड़ाई में भारत का साथ (China Against India) नहीं दिया और अडंगा लगा दिया. पाकिस्तानी आतंकवादी (Pakistani Terrorist) अब्दुल रहमान मक्की (Abdul Rehman Makki) को प्रतिबंधित आतंकवादी सूची में डालने वाली मांग पर चीन ने पाकिस्तान (Pakistan) का साथ दिया. भारत और अमेरिका (Indian and America) की साझा कोशिशों के खिलाफ सुरक्षा परिषद (Security Council) में चीन ने टेक्निकल होल्ड (Technical Hold) का दांव चला है इसके चलते आतंकी मक्की की लिस्टिंग अब 6 महीने तक चल सकती है.
दरअसल चीन ने पाकिस्तानी आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंधित सूची में शामिल करने के अमेरिका और भारत के संयुक्त प्रस्ताव को आखिरी क्षण में बाधित कर दिया. अमेरिका और भारत ने सुरक्षा परिषद की अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत मक्की को एक वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के लिए संयुक्त प्रस्ताव पेश किया था. 16 जून को चीन के अलावा सभी सदस्यों ने मक्की का नाम आतंकी पेरिस में जोड़े जाने का समर्थन किया. भारत ने मक्की को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1267 के तहत आतंकी फेहरिस्त में रखे जाने का प्रस्ताव को सभी सदस्यों के बीच सर्कुलेट किया था.
हाफिज सईद का रिश्तेदार है मक्की
अमेरिका पहले ही मक्की को आतंकवादी घोषित कर चुका है. मक्की लश्कर-ए-तैयबा के सरगना एवं 26/11 मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ता हाफिज सईद का रिश्तेदार है. मक्की को पाकिस्तान में 15 मई 2019 को गिरफ्तार कर नजरबंद किया गया था. बाद में साल 2020 के दौरान मक्की को टेरर फाइनेंसिंग का दोषी करार देते हुए सजा सुनाई गई. फिलहाल कथित तौर पर पाकिस्तान की जेल में है मक्की.
चीन का रवैया दुर्भाग्यपूर्ण
भारत सरकार (Indian Government) के सूत्रों ने चीन (China) के इस फैसले पर दुख जताया है. सूत्रों के मुताबिक ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि चीन ने एक आतंकी (Terrorist) को यूएन (UN) फेहरिस्त में शामिल किए जाने का रास्ता रोका है. जबकि इस आतंकी के खिलाफ पर्याप्त सबूत (Evidence) मौजूद हैं. इससे पता चलता है कि चीन आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई (Fight Against Terrorism) की जो बात करता है उसकी असली स्थिति क्या है? ये पहला मौका नहीं है जब चीन ने किसी आतंकी की लिस्टिंग (Terrorist Listing) को रोकने के लिए टेक्निकल होल्ड (Technical Hold) जैसे रास्ते का इस्तेमाल किया है. इससे पहले मसूद अजहर (Masood Azahar) कि यूएन लिस्टिंग (UN Listing) रोकने के लिए भी टेक्निकल होल्ड जैसे कार्ड का इस्तेमाल किया था.
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