नई दिल्ली: पड़ोसी देश चीन युनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल में पुलवामा आतंकी हमले के मास्टमाइंड और जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को बार-बार बचाता रहता है. चीन यूएनएससी में उसके बचाव के लिए अपनी वीटो पावर का इस्तेमाल करता है. मसूद अजहर को बचाकर चीन लगातार पाकिस्तान की मदद करता रहा है. जानें आखिर चीन आतंकी मसूद अजहर को यूएनएससी में ग्लोबल आतंकी घोषित क्यों नहीं करने देता.


पाकिस्तान के ग्वादरपोर्ट तक सीपीईसी बन रहा है चीन


दरअसल चीन से लेकर पाकिस्तान के ग्वादरपोर्ट तक चाइना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर यानी सीपीईसी बन रहा है. इसके लिए चीन अब तक 43 खरब, 36 अरब, 74 करोड़, 50 लाख रुपये खर्च कर चुका है. मसूद अजहर को बचाने के पीछे यही सीपीईसी प्रोजेक्ट है. सीपीईसी पीओके और गिलगित-बाल्टिस्तान के साथ-साथ खैबर पख्तूख्वा के मानशेरा जिले से होकर गुजरता है. ये सारे इलाके वो हैं जहां मसूद अजहर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंप चलाता है.


UNSC में 13 मार्च को होगा आतंकी मसूद को ‘ग्लोबल टेररिस्ट लिस्ट’ में शामिल करने पर फैसला


सीपीईसी प्रोजेक्ट में नौकरी कर रहे हैं चीन के 10 हजार नागरिक


ऐसे में चीन डरता है कि अगर उसने मसूद अजहर को नहीं बचाया तो जैश सीपीईसी के लिए मुसीबत बन जाएगा. आतंकी उसके प्रोजेक्ट में मुश्किल खड़ी कर सकते हैं. ऐसे में यूएनएससी में वीटो लगाकर चीन आतंकी मसूद को बचाता रहता है. चीन ने हाल ही में सीपीईसी के लिए बालाकोट के नजदीक बड़े पैमाने पर जमीन अधिग्रहण किया है. इकॉनोमिक कॉरिडोर का एक हिस्सा काराकोरम हाइवे भी मानशेरा से ही होकर गुजरता है. चीन के 10 हजार नागरिक सीपीईसी प्रोजेक्ट में नौकरी भी कर रहे हैं.


भारत के बिना पूरा नहीं हो सकता चीन का बीआरआई प्रोजेक्ट 


बता दें कि यूएनएससी में आतंकी मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के लिए फ्रांस ने प्रस्ताव पेश किया. फ्रांस के इस प्रस्ताव को अमेरिका और ब्रिटेन का समर्थन पहले ही मिल चुका है. किसी ने विरोध नहीं किया तो मसूद अजहर ग्लोबल आतंकी घोषित हो जाएगा. अब चीन पशोपेश में वो क्या करे. उसे अगर सीपीईसी चाहिए तो बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव में भारत का समर्थन भी चाहिए. क्योंकि, भारत के बिना यूरोप, अफ्रीका, एशिया को जोड़ने वाला चीन का बीआरआई प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो सकता.


हाल ही में चीन के उप विदेशमंत्री कोंग जुआनयो पाकिस्तान पहुंचे और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से मिलकर इस पूरे मसले पर बातचीत की. चीन चाहता है कि पाकिस्तान सुरक्षा गारंटी दे कि सीपीईसी में जैश कोई अडंगा नहीं लगाएगा.


मसूद अजहर के ग्लोबल टेररिस्ट बनाने के बाद क्या होगा?

अगर मसूद अजहर ग्लोबल टेररिस्ट लिस्ट में शामिल हो गया तो उसके सारे एकाउंट फौरन सीज़ कर लिए जाएंगे. उसकी सारी संपत्तियां फौरन जब्त कर ली जाएगी और वह पाकिस्तान से बाहर जाते ही गिरफ्तार हो जाएगा. इतना ही नहीं खुद पाकिस्तान पर भी उसे गिरफ्तार करने का दबाव बनेगा. यानी मसूद अजहर का भी वही हाल होगा, जो बैन लगाये गये दूसरे संगठनों का हुआ है.


तालिबान ग्लोबल टेरेरिस्ट लिस्ट में है लेकिन उसका आका मुल्ला उमर खत्म हो चुका है. अल कायदा भी सक्रिय है, लेकिन उसका मुखिया लादेन पाकिस्तान में मारा जा चुका है. आतंकी संगठन आईएसआईएस भी इसी कैटेगरी में है और सक्रिय है, लेकिन उसका मुखिया अबु बकर बगदादी मारा गया. ऐसे में मसूद अजहर जैसे ही ग्लोबल टेररिस्ट घोषित होगा, पाकिस्तान उसे खुलेआम अपने यहां पनाह नहीं दे पाएगा और ऐसे में उसका खात्मा तय माना जाएगा.


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