नई दिल्ली: भारत में चीनी राजदूत सन वेइदॉन्ग ने पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. चीन-भारत युवा वेबिनार में चीनी राजदूत ने कहा, "कुछ ही समय पहले ही सीमावर्ती क्षेत्रों में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई थी, जिसे न तो चीन और न ही भारत देखना पसंद करेगा. अब हम इस मामले को ठीक से निपटाने के लिए काम कर रहे हैं."


आपको याद दिला दें, गलवान घाटी में हुई इस हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. वहीं चीन के 40 से ज्यादा सैनिकों की भी मौत हो गई थी. चीनी राजदूत ने इसे इतिहास का सबसे दुर्भाग्यपूर्ण क्षण बताया.


चीनी राजदूत सन वेइदॉन्ग का कहना है कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ना चाहिए, न कि उसे बिगाड़ना चाहिए. दोनों देशों में में द्विपक्षीय संबंधों को अच्छे से संभालने की समझदारी और क्षमता है. अगर कोई मतभेद होता है तो उसे संवाद और परामर्श के जरिए सुधारा जा सकता है. दोनों देशों को शांति से रहना चाहिए और संघर्ष से बचना चाहिए.


क्या 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान ने बढ़ा दी चीन की चिंता?
74वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को आत्मनिर्भर भारत बनाने पर जोर दिया था. शायद इससे चीन की चिंता बढ़ गई है. चीनी राजदूत ने कहा, "कोई भी देश सारी दुनिया से अलग-थलग होकर विकास नहीं कर सकता है. हमें आत्मनिर्भरता के साथ-साथ बाहरी दुनिया के लिए भी हाथ खुला रखना चाहिए. तभी देश का बेहतर विकास हो सकता है."


राजदूत ने कहा, "चीन कई सालों से भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा है. इसके अलावा भारत दक्षिण एशिया में चीन का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार भी है. दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाएं परस्पर जुड़ी हुई हैं. इन दोनों अर्थव्यवस्थाओं को चुंबक की तरह एक-दूसरे को आकर्षित करना चाहिए, न कि जबरदस्ती अलग करना चाहिए."


वहीं इससे पहले चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिसरी ने दोनों देशों के बीच मौलिक सिद्धांतों के आधार पर आपसी समझ को प्रोत्साहित करने का आह्वान किया है. भारतीय दूतावास ने ट्वीट कर बताया, "बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास ने शिंहुआ यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर दूसरा चीन-भारत गोलमेज 22 अगस्त को आयोजित किया. राजदूत विक्रम मिसरी ने मुख्य भाषण दिया और हाल में द्विपक्षीय संबंधों को लेकर हुए घटनाक्रम पर भारत की स्थिति को रोखांकित किया."


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