गलवान हिंसा के बाद पहली बार भारत आ सकते हैं चीनी विदेश मंत्री, 24 मार्च को हो सकती है मुलाकात
गलवान में हिंसक झड़प के बाद और LAC पर तनाव के बीच चीन के विदेश मंत्री भारत आ सकते हैं. 24 मार्च को ये मुलाकात हो सकती है.
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साल 2020 में गलवान में हिंसक झड़प के बाद और LAC पर तनाव के बीच पहली बार चीन के विदेश मंत्री भारत आ सकते हैं. 24 मार्च को उनका आ हो सकता है. बताया जा रहा है कि, चीन के विदेश मंत्री वांग यी, विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात करेंगे. प्रस्तावित भारत दौरे को लेकर MEA और चीन की तरफ से औपचारिक पुष्टि नहीं की गई है, हालांकि माना जा रहा है कि इस प्रस्तावित भारत दौरे को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं.
जानकारी के मुताबिक चीन की तरफ से द्विपक्षीय बातचीत को दोबारा शुरू करने का प्रस्ताव रखा गया है. माना जा रहा है कि ब्रिक्स यानी ब्राज़ील, रूस, भारत और दक्षिण अफ्रीका की बैठक, जो इस साल चीन में होगी, उसके लिए चीन प्रधानमंत्री मोदी की शिरकत भी चाहता है. साथ ही BRICS बैठक से पहले चीन सही माहौल के लिए द्विपक्षीय बातचीत की प्रक्रिया दोबारा शुरू करना चाहता है.
अब तक 3 बार कर चुके हैं मुलाकात
LAC पर तनाव के बीच पिछले करीब डेढ़ साल में विदेश मंत्री जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री तीन बार मुलाकात कर चुके हैं. उनकी पहली मुलाकात SCO सम्मेलन के दौरान सिंतबर 2020 में मॉस्को में हुई थी. उस बैठक में दोनों देशों के बीच पश्चिमी लद्दाख में तनाव को लेकर 5-बिंदुओं पर सहमति बनी थी. उसके बाद पिछले साल जुलाई और सितंबर में दोनों विदेश मंत्रियों की मुलाकात ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में हुई थी. भारत लगातार यह कहता आ रहा है कि द्विपक्षीय संबंधों में मज़बूती के लिए सीमा पर शांति और सौहार्द बनाए रखना ज़रूरी है.
दोनों देशों के बीच हुई 15वें दौर की कोर-कमांडर स्तर की बैठक
11 मार्च को LAC पर तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के बीच 15वें दौर की कोर-कमांडर स्तर की बैठक हुई. हालांकि इस बैठक में भी कोई ठोस नतीजा निकल कर नहीं आया. भारत के साथ-साथ चीन के विदेश मंत्री नेपाल, भूटान और बांग्लादेश दौरे पर भी जा सकते हैं. चीन के विदेश मंत्री वांग यी का प्रस्तावित भारत दौरा उस वक़्त हो रहा है जब यूक्रेन पर रूस का हमला जारी है. भारत ने इस मामले पर अब तक एक संतुलित रवैया अपनाया हुआ है. UN में भी भारत ने रूस विरोधी प्रस्ताव पर वोटिंग में कई बार शामिल नहीं हुआ. ऐसे में चीन और भारत के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा संभव है.
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