Exclusive: गल्वान में चीनी झूठ का पर्दाफाश, चीनी सैनिकों के कब्रगाह की तस्वीरें आई सामने
15-16 जून की रात ही गल्वन घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक संघर्ष हुई थी. अभी तक चीनी सेना ने आधिकारिक तौर से खुलासा नहीं किया है कि इस खूनी झड़प में उसके कितने सैनिक हताहत हुए थे. जबकि भारतीय सेना ने महज़ कुछ घंटे के भीतर ही अपने सैनिकों की शहादत की खबर जारी कर दी थी.
नई दिल्ली: गल्वन घाटी में चीन के झूठ का पर्दाफाश हो गया है. शनिवार को एबीपी न्यूज ने आपको बताया था कि गल्वन घाटी में भारतीय सेना के साथ हुई खूनी झड़प में मारे गए एक चीनी सैनिक की कब्र की तस्वीर सामने आई थी. लेकिन अब एबीपी न्यूज ही आपको बताने जा रहा है कि गल्वन घाटी में चीन के कम से कम 35 सैनिकों की मौत हुई थी. उन सैनिकों की कब्रगाह की तस्वीर भी आज आपको एबीपी न्यूज दिखाने जा रहा है. आपको बता दें कि चीन ने आज तक आधिकारिक तौर से इस बात का खुलासा नहीं किया है कि गल्वन घाटी की हिंसा में उसके कितने सैनिक मारे गए थे या घायल हुए थे. जिस बात का अंदेशा था वो अब धीरे-धीरे कर सच्चाई में तब्दील हो रहा है. जानकारी के मुताबिक, गल्वन घाटी में भारतीय सेना के साथ 15-16 जून की रात हुई हिंसा में चीन के कम से कम 35 सैनिक मारे गए थे. उन सैनिकों की कब्रगाह की तस्वीरें भी अब सामने आ गई हैं. यहां एक लाइन से चीनी सैनिकों की कब्र की तस्वीरें दिखाई पड़ रही हैं. ये कब्र ठीक वैसे ही हैं जैसाकि चीनी सैनिक चेन शियानग्रोंग की दिखाई पड़ी थी, जिसकी मौत गल्वन जून के महीने में भारतीय सीमा पर हुई थी. सभी की कब्र पर काला पत्थर (मार्बल) लगा हुआ है और सैनिक के बारे में पूरी जानकारी लिखी हुई है.
तस्वीरों से पता चलता है कि गल्वन घाटी में मारे गए सैनिकों की कब्र चीन के पीएलए सेना के एक मेमोरियल में है. ये एक नया मेमोरियल दिखाई पड़ता है. लेकिन इस मेमोरियल में 35 से कहीं ज्यादा कब्र दिखाई पड़ रही हैं. ऐसा हो सकता है कि चीनी सेना ने कुछ समय पहले ही इस मेमोरियल को खड़ा किया हो और अब गल्वन घाटी में मारे गए अपने सैनिकों की कब्र भी इसी मेमोरियल में बना दी हो. इस मेमोरियल की कुछ तस्वीरें ऐसी भी आई हैं जहां पीएलए अधिकारी सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं. ऐसा भी माना जा रहा है कि इस नए मेमोरियल में गल्वन घाटी में मारे गए सैनिकों और पहले मारे गए सैनिकों कब्र बनाई गई हैं. पूरी हकीकत क्या है इसका पता चीन की पीएलए सेना के आधिकारिक बयान से ही हो सकता है.
आपको बता दें कि 15-16 जून की रात ही गल्वन घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक संघर्ष हुई थी. अभी तक चीनी सेना ने आधिकारिक तौर से खुलासा नहीं किया है कि इस खूनी झड़प में उसके कितने सैनिक हताहत हुए थे. जबकि भारतीय सेना ने महज़ कुछ घंटे के भीतर ही अपने सैनिकों की शहादत की खबर जारी कर दी थी.
शनिवार को एबीपी न्यूज को विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी और एक तस्वीर मिली थी जिससे साफ हो गया था कि गल्वन घाटी में चीनी सैनिक भी मारे गए थे. तस्वीर एक चीनी सैनिक की कब्र की थी. कब्र पर साफ लिखा था कि 19 साल के इस चीनी सैनिक की मौत भारतीय सीमा पर हुई है.
कब्र पर इस सैनिक का नाम चेन शियानग्रोंग लिखा था, जो फुजियान प्रांत के पिंगनान का रहने वाला है. सैनिक का जन्म दिसम्बर 2001 लिखा है और मृत्यु जून 2020 लिखी है. चीनी भाषा में लिखा है कि उसकी मौत बॉर्डर पर भारत के खिलाफ लड़ते हुई है. कब्र पर ये भी लिखा है कि सैनिक को चीन के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (सीएमसी) से 'फर्स्ट क्लास मेरिट' का प्रशस्ति-पत्र मिला है. आपको बता दें कि चीन में सीएमसी सबसए बड़ी सैन्य संस्था है जिसके चैयरमैन चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग हैं.
चीनी सैनिक चेन शियानग्रोंग की कब्र पर उसकी मिलिट्री यूनिट तक का नाम लिखा है. इस कब्र पर चेन को दक्षिणी शिंचायिंग मिलिट्री डिस्ट्रिक से जुड़ा बताया गया है जिसकी यूनिट या फिर खुद उसका नंबर दिया गया है (नंबर 69316). ये शिंचायिंग मिलिट्री डिस्ट्रिक ही पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी की सुरक्षा में तैनात है.
कब्र पर कुछ अधजली सिगरेट के टुकड़े रखे हुए हैं. जानकारों की मानें तो चीन में सिगरेट को सामाजिक तौर से शुभ माना जाता है. सोशल इंटरेक्शन्स में जब लोग एक दूसरे से मिलते हैं तो उसे सिगरेट का पैकेट गिफ्ट करता है. इसे दोस्ती और सम्मान के नजरिए से देखा जाता है. इसलिए बहुत हद तक संभव है कि चेन शियानग्रोंग भी सिगरेट पीता हो और उसके साथियों ने उसकी याद में सिगरेट को पीकर उसकी कब्र पर छोड़ दिया हो. यहां ये बात दीगर है कि एलएसी पर मौजूदा तनाव से पहले भारत और चीन की सेनाओं के बीच अगर कोई फ्लैग-मीटिंग होती थी तो चीनी सेना सिगरेट के पैकेट्स का आदान प्रदान करती थी.
एबीपी न्यूज को चेन शियानग्रोंग की कब्र की जो तस्वीर मिली थी, उसमें अकेले उसकी ही कब्र नहीं दिखाई पड़ रही है. दो और कब्र दिखाई पड़ रही हैं. दोनों ठीक उसके पीछे हैं. एक कब्र चेन की कब्र के पीछे छिप गई है, जबकि दूसरे की कब्र थोड़ी दिख रही है. इस कब्र का पत्थर भी ठीक वैसे ही काले रंग का है जैसा चेन शियानग्रोंग की कब्र का है. ऐसे में इस बात का अंदेशा भी जताया जा रहा था कि ये तस्वीर किसी चीनी सेना के कब्रगाह की है, जिसमें उन सैनिकों को दफनाया गया है जिनकी मौत गल्वन घाटी की हिंसा में भारतीय सैनिकों के साथ झड़प में हुई थी. अब इस कब्रगाह की तस्वीरें भी एबीपी न्यूज को मिल गई हैं.
15-16 जून की रात पूर्वी लद्दाख की गल्वन घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इस झड़प में भारत के 20 सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए थे और 96 सैनिक घायल हुए थे. लेकिन चीन की पीएलए सेना ने अभी तक अपने हताहत हुए सैनिकों का आंकड़ा जारी नहीं किया है. मई के महीने से पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच सीमा विवाद को लेकर टकराव चल रहा है.
चीन में भी चीनी सैनिकों की शहादत को लेकर सरकार से सवाल-जवाब करने लगे हैं. चीनी सोशल मीडिया साइट, 'वीचैट' पर चेन शिनयांग्रोंग की मौत को लेकर लोगों में रोष दिखाई पड़ रहा है. एक चैट में किसी ने लिखा कि, " क्या विडंबना है, मुझे लगा था कि भारत के साथ हुई झड़प में चीन का कोई नुकसान नहीं हुआ है. लेकिन भारत के 20 सैनिकों कई मौत की खबर भी इस नौजवान (चेन शियानग्रोंग ) के माता-पिता के दर्द को कम कर सकती है."