ED Raids On Chinese Loan App Case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चीनी लोन ऐप मामले (Chinese Loan App Cases) से संबंधित जांच के संबंध में बेंगलुरु (Bengaluru) में छह ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया. ईडी ने शनिवार को कहा कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एकट (PMLA), 2002 के प्रावधानों के तहत यह छापेमारी की गई. ईडी ने कहा कि रेजरपे (Razorpay), कैशफ्री पेमेंट्स (Cashfree Payments), पेटीएम (Paytm) और चीनी व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित और संचालित संस्थाओं के परिसरों में तलाशी अभियान चलाया गया.
ईडी ने इस छापेमारी को लेकर कहा कि तलाशी अभियान में दौरान पाया गया कि जिन कंपनियों पर छापा मारा गया था वे अलग-अलग मर्चेंट आईडी, पेमेंट गेटवे और बैंकों के खातों के माध्यम से गैर-कानूनी इनकम कमा रहे थे. ईडी की छापेमारी में यह इस बात का भी खुलासा हुआ कि ये कंपनियां एमसीए की वेबसाइट या रजिस्टर्ड पते की बजाय किसी दूसरे फर्जी पते से काम कर रही थी. ईडी ने इन चीनी व्यक्तियों के कंट्रोल वाली कंपनियों के मर्चेंट आईडी और बैंक खातों से 17 करोड़ रुपये की राशि जब्त की है.
ईडी ने छापेमारी में किया ये खुलासा
ईडी ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग मामला बेंगलुरु पुलिस साइबर क्राइम पुलिस द्वारा कई कंपनियों और व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज की गई कम से कम 18 प्राथमिकी पर आधारित है. ईडी ने यह भी कहा कि पूछताछ के दौरान यह सामने आया है कि इन कंपनियों को चीनी व्यक्तियों द्वारा संचालित और नियंत्रित किया जाता है.
एजेंसी ने आरोप लगाया कि ये कंपनियां भारतीय नागरिकों के फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके उन्हें फर्जी तरीके से निदेशक बनाती है, जबकि इन कंपनियों का नियंत्रण एवं संचालन चीन के लोग करते हैं. ईडी ने आगे बताया कि ये कंपनियां विभिन्न मर्चेंट आईडी और पेमेंट गेटवे, बैंकों खातों के माध्यम से अपना संदिग्ध और अवैध कारोबार चला रही थीं.
कांग्रेस ने लगाया ये आरोप
कांग्रेस ने दावा किया है कि चीनी लोन एप की जालसाजी के कारण कई लोगों को आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ा है. सरकार ने इस दिशा में कोई उचित कार्रवाई नहीं की. कांग्रेस ने सरकार पर इस मामले में जानबूझकर मूकदर्शक बने रहने का आरोप लगाया.
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