महाबलीपुरम: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की विदेश यात्राओं में एक समानता है. दोनों नेताओं के पास विदेश यात्राओं के लिए फिलहाल अपना सरकारी खास विमान नहीं है बल्कि वो सरकारी विमानन कम्पनी के हवाई जहाज में ही सफर करते है. लिहाज़ा चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग 11 लेकर जप विमान 11 अक्टूबार की दोपहर को चेन्नई पहुंचेगा वो एयर चाइना का होगा.
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काफी संभावना है कि शी जिनपिंग जिस बोइंग 747-400 विमान से भारत आएं उसका पहचान नम्बर B2472 या 2447 हो. दरअसल राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपने विदेश दौरों के लिए उन्हीं दो विमानों का इस्तेमाल करते हैं. जब राष्ट्रपति शी इसमें सवार होते हैं तो इन विमानों को वीवीआइपी सुविधा से लैस किया जाता है और इनका कॉल साइन होता है एयर चाइना-1 या AC1. अन्य समय में यह विमान सामान्य कमर्शियल यात्री सेवा में उड़ान भरते हैं.
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यह ठीक वैसा ही है जैसा पीएम नरेन्द्र मोदी की विदेश यात्राओं में होता है. भारतीय प्रधानमंत्री भी सरकारी विमानन कम्पनी एयर इंडिया के विमान में सफर करते है. भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री करीब ढाई दशक पुराने बोइंग 747 चार्टेड विमानों का इस्तेमाल करते हैं. हालांकि पीएम के सफर के लिए भारत ने हाल ही में दो बोइंग 777 खरीदे हैं जिन्हें इन दिनों आधुनिक ज़रूरतों व वीवीआइपी सुरक्षा इंतजामों के लिए तैयार किया जा रहा है. सबकुछ ठीक चला तो यह विमान अगले साल तक वीवीआईपी सफर के लिए उपलब्ध हो सकते हैं.
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भारत की चीन ने भी कुछ साल पहले अपने राष्ट्रपति के लिए अमेरिका से विशेष विमान हासिल किए थी. हालांकि राष्ट्रपति जियांग जेमीन के कार्यकाल में हासिल इन विमानों में जासूसी उपकरण पाए जाने की खबरें सरकारी मीडिया में प्रकाशित हुई थी. इसके बाद चीन ने अमेरिका से खरीदे गए बी767 विमानों का इस्तेमाल वीवीआइपी फ्लाइट के लिए करना बंद कर दिया.
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