भारत में चीनी सेना की घुसपैठ का एक और मामला सामने आया है. इस बार ये घटना बीती छह जुलाई की है. चीनी सेना इस दिन तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के जन्मदिन कार्यक्रमों का विरोध करने के लिए लद्दाख के डेमचोक में घुस आई. एक तरफ जहां भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में विवादित सीमा मुद्दे को सुलझाने के लिए बातचीत कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर चीनी सैनिकों ने दलाई लामा के जन्मदिन के जश्न के दौरान डेमचोक में विरोध के बैनर दिखाए.

 

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, "यह हर साल नियमित तौर पर होता है. जब हम दलाई लामा का जन्मदिन मनाते हैं तो चीनी विरोध प्रदर्शन करते हैं. चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिक और नागरिक लद्दाख के डेमचोक क्षेत्र में सिंधु नदी के दूसरी ओर आए." अधिकारी ने कहा, "यहां भारतीय पक्ष के लोग दलाई लामा का जन्मदिन मना रहे थे तब चीनी सेना ने  विरोध में अपने झंडे लहराए."

 

लगभग 30 मिनट तक भारतीय सीमा में रहे चीनी सैनिक 

 

ये घटना डेमचोक से लगभग 30 किलोमीटर दूर दक्षिणी-पूर्व में कोयुल के पास डोले टैंगो में हुई थी. चीनी सैनिक लगभग 30 मिनट तक भारतीय सीमा के अंदर रहे. वे पांच वाहनों में आए और बैनर और झंडे लहराकर चले गए.

 

प्रधानमंत्री मोदी ने दी थी दलाई लामा को जन्मदिन की बधाई 

 

इस से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दलाई लामा को उनके 86वें जन्मदिन पर बधाई दी थी. यह पहली बार था, जब प्रधानमंत्री मोदी ने आधिकारिक तौर पर कहा कि उन्होंने दलाई लामा के साथ बात की. एक ट्वीट में, प्रधानमंत्री ने कहा, "तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को उनके 86वें जन्मदिन पर बधाई देने के लिए फोन पर बात की. हम उनके लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना करते हैं."

 

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