नई दिल्ली: एलएसी पर चल रही तनातनी के बीच सोमवार को पूर्वी लद्दाख के डेमचोक सेक्टर में एक चीनी सैनिक भटक कर भारत की सीमा में आ गया. पीएलए सेना के आग्रह पर भारत चीनी सैनिक को वापस भेजने के लिए तैयार हो गया है.


भारतीय सेना ने बयान जारी कर बताया कि पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) का एक कॉरपोरल वांग या लॉन्ग डेमचोक सेक्टर में भटकने के कारण एलएसी पार कर भारत की सीमा में आ गया. सूत्रों के मुताबिक, पकड़े गए सैनिक के पास से पीएलए सेना का एक आई-कार्ड और कुछ सिविल दस्तावेज भी बरामद हुए. वांग चीनी सेना की आर्मरी विंग से ताल्लुक रखता है और स्मॉल आर्म्स यानि पिस्टल, राइफल इत्यादि रिपेयर का काम करता है.


सूत्रों के मुताबिक, सेना और इंटेलीजेंस एंजेंसियों ने भी उससे पूछताछ की थी क्योंकि दोनों देशों के बीच पिछले पांच महीने से एलएसी पर तनाव बरकरार है. ऐसे में उसके जासूस होने का भी खतरा था, लेकिन पूछताछ के बाद साफ हो गया कि वो वाकई भटककर भारत की सीमा में पहुंच गया था. क्योंकि दोनों देशों के बीच सीमा डिमार्केटेड नहीं है और एक बड़ा इलाका खाली है इसलिए भटकने का खतरा बना रहता है.


थलसेना के मुताबिक, चीनी सैनिक को हाई-आल्टिट्यूड और विपरीत मौसम (सर्द मौसम) से बचाने के लिए ऑक्सीजन, गर्म कपड़े, खाना और दूसरी मेडिकल सुविधाए प्रदान की गई. इसी दौरान चीन की पीएलए सेना की तरफ से भी एक लापता सैनिक की जानकारी भारतीय सेना को दी गई.


प्रोटोकॉल के मुताबिक, चुशूल-मोल्डो मीटिंग पॉइंट पर चीनी सैनिक को पीएलए के अधिकारियों को सौंप दिया जाएगा.


इस घटना के बाद चीनी मुखपत्र, ग्लोबल टाइम्स ने भारत की तारीफों के पुल बांध दिए. ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि इस घटना (सैनिक के भारत की सीमा में पहुंचने) से दोनो देशों के बीच अगले दौर की मीटिंग पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा. दोनों देश इस मामले को सुलझाने में लगे हैं और सैनिक को वापस भेज दिया जाएगा.


ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, हालांकि, दोनों देशों के बीच सीमा को लेकर विवाद है जिससे संबंधों में तनाव आ गया है लेकिन पिछले कई दौर की बैठक में दोनों देश कुछ हद सहमत हो गए हैं (विवाद सुलझाने के लिए).