चीनी सैनिकों से झड़प के बाद तनाव, भारतीय सैनिकों से धक्कामुक्की, बंकर भी तोड़े
नई दिल्ली: चीन द्वारा मानसरोवर यात्रा पर नाथूला बॉर्डर से रोक लगाने के पीछे सिक्किम में भारत और चीन के सैनिकों के पीछे चल रहे टकराव को माना जा रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सिक्किम के डोकाला दर्रे पर करीब दस दिन पहले चीनी सैनिकों ने भारत के दो बंकरों को तोड़ कर दिया था, जिसके बाद से भारतीय सैनिकों और चीनी सैनिकों के बीच टकराव चल रहा है. इस गतिरोध के चलते ही चीन ने सिक्किम के नाथूला दर्रे से शुरु होने वाली सालाना कैलाश मानसरोवर यात्रा पर रोक लगा दी है.
भारतीय सेना ने चीन के साथ सिक्किम में चल रहे ‘फेस-ऑफ’ पर 'टिप्पणी करने से मना कर दिया है'. लेकिन इनदिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो को भारतीय सेना ने ये कहकर खारिज कर दिया है कि ये 'पुराना वीडियो' है. इस वीडियो में भारतीय सेना और चीन की पीएलए सेना के जवान आपस में धक्का-मुक्की करते दिख रहे हैं.
इस बीच चीनी मीडिया के हवाले से खबर आई है कि चीन के रक्षा मंत्रालय ने इस गतिरोध का सारा ठींकरा भारत के सैनिकों के सर मढ़ दिया है. चीन के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, भारत के सैनिकों की ‘उत्तेजिक कारवाई’ से भारत और चीन के बीच (सीमा पर) बनी ‘सहमति का उल्लंघन हुआ है’.
दरअसल, भारत और चीन ने इस बात पर करार किया हुआ है कि ना तो वास्तविक नियंत्रण रेखा यानि एलएसी पर किसी तरह के नए बंकर बनाए जाएंगे और ना ही सैनिक आपस में लड़ाई –झगड़ा करेंगे. कोई भी विवाद स्थानीय कमांडर बॉर्डर पर ही फ्लैग-मीटिंग या फिर बॉर्डर पर्सनैल मीटिंग में निपटाएंगे. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मौजूदा विवाद पर 20 जून को बॉर्डर पर ही एक फ्लैग-मीटिंग हुई थी. लेकिन ये मीटिंग बेनतीजा रही. अब जल्द ही सीनियर कमांडर्स एक और मीटिंग कर सकते हैं.
सिक्किम का डोकाला पास भारत, चीन और भूटान की सीमा पर है. इस इलाके के अधिकार को लेकर भारत और चीन के बीच विवाद रहा है. इस इलाके को चुंबी वैली के नाम से भी जाना जाता है. कुछ साल पहले भी यहां पर चीनी सैनिकों ने भारत के अस्थायी बंकरों को तोड़ डाला था. माना जा रहा है कि मौजूदा विवाद पर भारत का विदेश मंत्रालय जल्द ही कोई बयान जारी कर सकता है.
आपको बता दें कि कैलाश मानसरोवर की सालाना यात्रा पर जाने वाले भारत के दो जत्थों को चीन ने पिछले हफ्ते नाथूला बॉर्डर से वापस कर दिया था. दो साल पहले ही चीन ने नाथूला बॉर्डर से कैलाश मानसरोवर के लिए रास्ता खोला था. पहले ये यात्री उत्तराखंड के पिथौड़ागढ़ और लिपूलेक के रास्ते से जाते थे, जो कि बहुत लंबा मार्ग था. लेकिन नाथूला से ये यात्री बेहद छोटी हो गई है.
लेकिन चीन ने फिलहाल ये साफ नहीं किया है कि उसने मानसरोवर यात्रा भारतीय सेना से सीमा पर चल रही तनातनी के चलते रोक दी है या फिर किसी और वजह से.
आपको बता दें कि भले ही भारत को चीन से 62 के युद्ध में मुंह को खानी पड़ी हो, लेकिन पांच साल बाद यानि 1967 में सिक्किम के नाथूला और चोला दर्रे पर हुई लड़ाई में भारत ने चीन को करारी हार दी थी.