Chinmay Das Bail Update: चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका बंग्लादेश के चटगांव कोर्ट ने खारिज कर दी. अब चिन्मय कृष्ण दास के वकील हाई कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट के 11 वकील आज यानी कि 2 जनवरी को चिन्मय कृष्ण दास की जमानत की सुनवाई का प्रतिनिधित्व करने के लिए गए थे. डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार जज ने करीब 30 मिनट तक दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जमानत याचिका खारिज कर दी.
एडवोकेट अपूर्व कुमार भट्टाचार्य के नेतृत्व में कानूनी टीम देशद्रोह के आरोपी चिन्मय कृष्ण दास का बचाव करने गई थी, उनपर बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप है. सुनवाई से पहले डेली स्टार से बात करते हुए वकील अपूर्व कुमार भट्टाचार्जी ने कहा, "हम ऐनजीबी ओइक्या परिषद के बैनर तले चटगांव आए हैं. हम चिन्मय की जमानत के लिए अदालत में याचिका दायर करेंगे. मुझे चिन्मय से वकालतनामा पहले ही मिल चुका है. मैं सुप्रीम कोर्ट और चटगांव बार एसोसिएशन दोनों का सदस्य हूं, इसलिए मुझे केस दायर करने के लिए किसी स्थानीय वकील से अनुमति की आवश्यकता नहीं है."
चिन्मय कृष्ण दास पर क्या है आरोप ?
बांग्लादेश में अशांति चिन्मय कृष्ण दास के खिलाफ दर्ज किए गए राजद्रोह के आरोपों के बाद शुरू हुई है. चिन्मय कृष्ण दास पर बांग्लादेशी राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा झंडा फहराने का आरोप है. हिंसा शुरू होने के बाद 25 नवंबर को चिन्मय कृष्ण की गिरफ्तारी पर विरोध प्रदर्शन की शुरूआत हुई. इस सिलसिले में 27 नवंबर को चटगांव कोर्ट बिल्डिंग के बाहर चिन्मय के फॉलोअर्स और कानून प्रवर्तन के बीच हिंसक झड़पें हुई, जिसके परिणामस्वरूप एक वकील की मौत हो गई.
दो भिक्षु भी हिरासत में लिए गए
अतिरिक्त गिरफ्तारियों के बाद हालात और भी खराब हो गए. इस्कॉन कोलकाता के अनुसार, दो भिक्षुओं आदिपुरुष श्याम दास और रंगनाथ दास ब्रह्मचारी को 29 नवंबर को हिरासत में लिया गया था. इन्हें हिरासत में तब लिया गया था, जब दोनों हिरासत में चिन्मय कृष्ण दास से मिलने गए थे. इसके साथ ही इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधा रमन ने यह भी दावा करते हुए कहा कि दंगाइयों ने हिंसा के दौरान बांग्लादेश के इस्कॉन में तोड़फोड़ भी की.