नई दिल्ली: महाराष्ट्र में जारी सियासी ड्रामें का खात्मा अभी तक नहीं हुआ. कोई भी राजनीतिक दल अभी तक सरकार बनाने में कामयाब नहीं हुई है. अब इसी बीच NDA की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी ने उसपर निशाना साधा है. लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने महाराष्ट्र के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम को लोकतंत्र का मजाक करार दिया है. केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के घटक LJP के नेता चिराग पासवान ने कहा है कि महाराष्ट्र में लोकतंत्र का मजाक उड़ाया जा रहा है.


चिराग पासवान कहा, "आज जो परिस्थितियां पैदा हुई हैं, इससे ज्यादा लोकतंत्र का मजाक नहीं हो सकता है. अगर, मेरे हाथ में होता तो मैं ईमानदारी से पुन: जनादेश की मांग करता, पुन: जनता के बीच में जाता ताकि जनता को भी पता चले कि आपने किसके साथ रहकर जनादेश मांगा था." उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में जो भी परिस्थितियां पैदा हुई हैं, वह गलत है.


चिराग ने कहा, "महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और शिवसेना को सरकार बनाने के लिए स्पष्ट जनादेश मिला था, लेकिन दोनों राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी महत्वाकांक्षा के चलते सरकार नहीं बनाई और वैकल्पिक गठबंधन बनाने की तलाश शुरू हुई. शिवसेना के प्रमुख (पूर्व) बाला साहेब ठाकरे अपने पूरे जीवन काल में निरंतर कांग्रेस विरोधी रहे. कांग्रेस की नीतियों का वह निरंतर विरोध करते रहे लेकिन आज यह (शिवसेना) कांग्रेस से समर्थन लेने को तैयार है. इसी प्रकार कांग्रेस जिस तरीके से बीजेपी और शिवसेना पर सांप्रदायिकता का आरोप लगाती रही वह आज अपनी विचारधारा से समझौता करने को तैयार है, यह लोकतंत्र की विडंबना है."


सिद्धांतों की राजनीति पर उन्होंने कहा, "लोक जनशक्ति पार्टी पर अक्सर अवसरवाद का आरोप लगता है, लेकिन हमलोगों ने कभी सिद्धांतों को लेकर कोई समझौता नहीं किया. हमें गर्व है कि LJP ने किसी की सरकार बनाने के लिए कोई तालमेल नहीं किया. पार्टी का गठन 2000 में हुआ, तब से हमने चुनाव से पूर्व गठबंधन किया और चुनाव परिणाम आने के बाद हमलोगों ने कभी किसी (गठबंधन से इतर) की सरकार बनाने के लिए उसका समर्थन नहीं किया."


BJP ने महाराष्ट्र में जिस तरीके से सरकार बनाई उसको लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, " मैं उसे गलत मानता हूं, लेकिन अगर किसी भी गठबंधन के पास जनादेश (बहुमत) है तो उसे साबित करना चाहिए. जिस तरीके से बीजेपी ने सरकार बनाई और (देवेंद्र) फडणवीस ने शपथ ली और अजित पवार उनके साथ हैं, वह अपने आपको विधायक दल का नेता कहते हैं. मैं मानकर चलता हूं कि उनके पास सभी विधायकों का समर्थन होगा."


NDA से घटक दलों के अलग होने को लेकर पूछे गए सवाल पर चिराग ने कहा कि घटक दलों का अलग होना चिंता का विषय है और गठबंधन की मजबूती के लिए समन्वय समिति की आवश्यकता है. उन्होंने कहा, "हमने समन्वय समिति की मांग की है जिसका मकसद NDA को मजबूत बनाए रखना है. एक के बाद एक हमारे घटक दल राजग को छोड़कर जा रहे हैं. यह चिंता का विषय है. अगर, राजग की एक समन्वय समिति रहती तो टीडीपी या उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी (राष्ट्रीय लोक समता पार्टी) या मांझी की पार्टी (हिंदुस्तान अवाम मोर्चा) हम से अलग नहीं होती. और राजग का सबसे पुराना घटक दल शिवसेना जिस तरीके से हमसे दूरी बना चुका है, वैसी स्थिति पैदा नहीं होती."


LJP झारखंड में NDA से अलग हटकर विधानसभा चुनाव लड़ रही है और पार्टी 50 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का एलान कर चुकी है. LJP अध्यक्ष ने कहा कि वह संसद के चालू सत्र में न्यायिक सेवा आयोग और राष्ट्रीय युवा आयोग का गठन करने की मांग करेंगे.


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