पटना: बिहार की राजनीति के नजरिए से आज एक बड़ी खबर आई है. संसद के बजट सत्र में रणनीति तय करने के लिए आज बुलाई गई एनडीए की बैठक में लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान को भी आमंत्रित किया गया. संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी की ओर से भेजे गए आमंत्रण पत्र में कहा गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैठक की अध्यक्षता करेंगे. तबियत खराब रहने के चलते चिराग पासवान इस वर्चुअल बैठक में शामिल तो नहीं हुए लेकिन इस खबर से बिहार एनडीए में नया बवाल शुरू हो गया. बिहार विधानसभा चुनाव के बाद ये एनडीए की पहली बैठक थी.


जीतन राम मांझी का वार


चिराग पासवान को बैठक में बुलाए जाने पर बिहार एनडीए के घटक और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम ) ने कड़ा ऐतराज जताया है. पार्टी ने सख़्त शब्दों का इस्तेमाल करते हुए इस फ़ैसले को निंदनीय बताते हुए इसकी भर्त्सना की है. पार्टी प्रवक्ता दानिश रिजवान ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि चन्द महीनों पहले सम्पन्न हुए बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान चिराग पासवान ने एनडीए की पीठ में छुरा घोपने का काम किया था. रिज़वान ने धमकी भरे स्वर में कहा कि अब उनकी पार्टी एनडीए में रहेगी या नहीं, इसका फैसला पार्टी अध्यक्ष जीतन राम मांझी करेंगे.


लोजपा का पलटवार


मांझी की पार्टी के इस वार पर लोजपा ने भी पलटवार किया है. पार्टी प्रवक्ता अशरफ़ अंसारी ने एक बयान देकर कहा कि लोजपा शेरों की पार्टी है जो हमेशा आगे से वार करती हैं. अंसारी ने कहा कि चिराग पासवान ने खुलेआम नीतीश सरकार की कुछ नीतियों की आलोचना करते हुए जांच की बात कही थी. पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि जीतन राम मांझी केवल सत्ता के लिए एनडीए में हैं जबकि चिराग पासवान ने बिहार की जनता की आवाज़ बनने के लिए सत्ता को ठोकर मार दी .


जेडीयू ने की थी एनडीए से हटाने की मांग


विधानसभा चुनाव में लोजपा ने उन सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे जिन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के उम्मीदवार खड़े थे. इस चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा और पार्टी लोजपा और चिराग पासवान को ही इसका सबसे बड़ा कारण मानती है. चुनाव के बाद जेडीयू कई बार लोजपा को एनडीए से बाहर रखने की मांग कर चुकी है लेकिन चिराग पासवान को एनडीए की बैठक में बुलाकर बीजेपी ने साफ कर दिया है कि लोजपा अभी भी एनडीए का हिस्सा है. ऐसे में बीजेपी और जेडीयू के बीच बिहार में पहले से चल रही खींचतान अब और बढ़ने की आशंका है