Chirag Paswan On SC/ST Reservation: केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने शनिवार (3 अगस्त) को सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का विरोध किया, जिसमें राज्यों को 15 फीसदी आरक्षण के एक हिस्से के लिए अनुसूचित जातियों के भीतर उप-समूह बनाने की अनुमति दी गई है. उन्होंने घोषणा की है कि उनकी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) इसके खिलाफ अपील करेगी.


केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि वह जाति जनगणना के पक्ष में हैं, जिसके लिए विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी जोरदार मांग कर रहे हैं. हालांकि उनका यह भी मानना ​​है कि इसके रिजल्ट को सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए. 


'SC आरक्षण में क्रीमी लेयर की जरूरत नहीं'


केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा, "हमारी पार्टी सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध करेगी कि वह अपने हाल के फैसले की समीक्षा करे, जिसमें अनुसूचित जाति कोटे के तहत 15 फीसदी उप-समूहों को अनुमति दी गई है." उन्होंने कहा, "एससी आरक्षण में क्रीमी लेयर को अनुमति नहीं दी जा सकती. एससी कोटे में उप-समूहों को अनुमति देने से सामाजिक रूप से हाशिए पर पड़े वर्ग के उत्थान का उद्देश्य पूरा नहीं होगा, जो छुआछूत की प्रथा का शिकार रहा हैं."


जाति जनगणना को लेकर बोले केंद्रीय मंत्री


चिराग पासवान ने बिना विस्तार से बताए कहा, "मुझे लगता है कि हमें जाति जनगणना करानी चाहिए, लेकिन इसके निष्कर्षों को सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए. एकत्रित आंकड़ों का इस्तेमाल सरकार को नीतियां बनाने में करना चाहिए."


भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय पीठ ने 6:1 के बहुमत से यह फैसला सुनाया है कि राज्यों को अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) में उप-वर्गीकरण करने की अनुमति दी जा सकती है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इन समूहों के भीतर और अधिक पिछड़ी जातियों को आरक्षण दिया जाए. पीठ में जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी, जस्टिस पंकज मिथल, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस सतीश चंद्र मिश्रा शामिल थे.


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