नई दिल्ली: बीजेपी की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने शनिवार को एसपी-बीएसपी गठबंधन को एक मजबूत चुनावी गठजोड़ बताया. साथ ही कहा कि सत्ताधारी एनडीए को भी विपक्ष को चुनौती देने के लिए खुद को मजबूत बनाना होगा.
एलजेपी नेता चिराग पासवान ने गठबंधन को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि यह गठजोड़ उनके बीच हुआ है जिन्होंने आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति इकट्ठी की. चिराग पासवान का इशारा बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की ओर था. पासवान ने कहा कि दोनों दलों ने उत्तर प्रदेश में लंबे समय तक शासन किया जहां के लोगों को बेरोजगारी और अपराध के चलते दूसरे जगह जाने को मजबूर होना पड़ा.
उन्होंने कहा कि एक चुनावी रणनीति के तौर पर एसपी-बीएसपी का गठबंधन मजबूत है. बीजेपी नीत राजग को भी उसे चुनौती देने को खुद को मजबूत होगा जिससे उत्तर प्रदेश के लोग एसपी-बीएसपी गठबंधन को एक मुंहतोड़ जवाब दे सकें.
गठबंधन पर क्या बोले मायावती-अखिलेश?
अखिलेश यादव के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती ने कहा कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से बीजेपी के गुरू चेले यानी मोदी और अमित शाह की नींद उड़ जाएगी. अलगा लोकसभा चुनाव लड़ने पर मायावती ने कहा कि यह जल्द ही पता चल जाएगा. वहीं अखिलेश यादव ने अपने कार्यकर्ताओं को नसीहत देते हुए कहा कि अब से मायावती का अपमान मेरा अपमान होगा.
माया-अखिलेश के गठबंधन का सीट शेयरिंग फॉर्मूला
सूबे की 80 सीटों में से समाजवादी पार्टी 38 और बीएसपी 38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इस गठबंधन ने कांग्रेस को भले ही जगह नहीं दी हो लेकिन अमेठी और रायबरली की दो सीटें जरूर छोड़ी है. अमेठी से राहुल गांधी और रायबरेली से सोनिया गांधी सांसद हैं. एसपी-बीएसपी गठबंधन ने अन्य छोटे दलों के लिए दो सीटें छोड़ी है. छोटे दलों में पीस पार्टी, निषाद पार्टी या आरएलडी हो सकती है.