नई दिल्ली: राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (आरएलएसपी) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का दामन छोड़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) में शामिल होने के बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) का संबंध बृहस्पतिवार को तनावपूर्ण नजर आया, जब चिराग पासवान ने केंद्र सरकार को नोटबंदी से देश को हुए फायदे गिनाने को कहा. सूत्रों ने बताया कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और वित्त मंत्री अरूण जेटली सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं और एलजेपी प्रमुख रामविलास पासवान तथा उनके बेटे चिराग पासवान के बीच घंटे भर चली बैठक बेनतीजा रही.
हालांकि, बीजेपी महासचिव एवं बिहार के पार्टी प्रभारी भूपेंद्र यादव ने कहा कि गठबंधन में कोई समस्या नहीं है और यह अक्षुण्ण है. वह भी बैठक में उपस्थित थे. एलजेपी सूत्रों ने कहा कि पांच राज्यों में हुए हालिया विधानसभा चुनावों में बीजेपी की हार ने संबंधों पर फिर से विचार करने की एक वजह दे दी है.
सूत्रों ने बताया कि चिराग ने 11 दिसंबर के चुनाव नतीजे आने के बाद जेटली को एक पत्र लिख कर उनसे नोटबंदी के फायदे गिनाने को कहा था, ताकि वह एलजेपी लोगों को इस बारे में विस्तार से बता सकें. मीडिया में दी गई अपनी टिप्पणियों में चिराग ने किसानों और युवाओं के बीच बेचैनी के बारे में बात की है और एनडीए के मुश्किल वक्त से गुजरने के बारे में भी ट्वीट किया है.
लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में एनडीए के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे की घोषणा में देर होने से भी एलजेपी की बेचैनी बढ़ती नजर आ रही है. चिराग ने भी सीट बंटवारे की घोषणा में देर होने पर अपनी परेशानी जाहिर की है और कहा कि इससे सत्तारूढ़ गठबंधन (एनडीए) को नुकसान हो सकता है.
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