Chit Fund Case: पूछताछ के लिए बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी के दफ्तर पहुंची CBI की टीम, जानें क्या है आरोप?
सीबीआई आई-कोर पोंजी घोटाले में मंत्री पार्थ चटर्जी से पूछताछ कर रही है. सीबीआई का दावा है कि पार्थ चटर्जी को उस चिट फंड कंपनी के कई कार्यक्रमों में देखा गया था.
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) आई-कोर पोंजी घोटाले में पश्चिम बंगाल के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी से पूछताछ कर रही है, एजेंसी साल 2014 से मामले की जांच कर रही है. सीबीआई का दावा है कि पार्थ चटर्जी को उस चिट फंड कंपनी के कई कार्यक्रमों में देखा गया था.
पार्थ ने उस चिट फंड कंपनी के मंच से भाषण दिया. साथ ही, कोलकाता के नाकतल्ला क्षेत्र में स्थित एक क्लब को दुर्गा पूजा के त्योहार में उसी कंपनी से एक बड़ा मौद्रिक कोष मिला है. संयोग से यह टीएमसी नेता क्लब का अध्यक्ष है. केंद्रीय जांच एजेंसी पूछना चाहती है कि उस चिट फंड कंपनी और मंत्री पार्थ चटर्जी के बीच क्या संबंध है.
सीबीआई ने पहले दो बार भी तलब किया था
इस कंपनी ने उनके क्लब को दुर्गा पूजा के उत्सव में क्यों प्रायोजित किया, उन्हें उनके कार्यक्रम में क्यों देखा गया, क्या उन्हें उनकी चिट की जानकारी थी? सीबीआई ने मंत्री चटर्जी को दो बार पहले भी तलब किया था लेकिन वह पूछताछ का सामना करने के लिए सीबीआई कार्यालय के सामने पेश नहीं हो सके थे. ऐसे में केंद्रीय जांच ब्यूरो के अधिकारी मंत्री पार्थ चटर्जी से कैमाक स्ट्रीट स्थित शिल्पा सादाड के कार्यालय के अंदर पहुंचकर उनसे पूछताछ कर रहे हैं.
उच्च रिटर्न का वादा कर बाजार से 7000 करोड़ रुपये जुटाए
आई-कोर प्रायोजित कार्यक्रम 2011 में आयोजित किया गया था जिस वर्ष टीएमसी सत्ता में आई थी. मैती की पिछले साल नवंबर में न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी. उनकी कंपनी ने कथित तौर पर उच्च रिटर्न का वादा करके बाजार से लगभग 7000 करोड़ रुपये जुटाए. साल 2014 में, सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को शारदा, रोज वैली और आई-कोर सहित बंगाल में सभी पोंजी संचालन और मनी लॉन्ड्रिंग में प्रभावशाली लोगों की भूमिका की जांच करने के लिए कहा. ईडी समानांतर जांच कर रही है.
चटर्जी टिप्पणियों के लिए उपलब्ध नहीं थे हालांकि मुख्यमंत्री ने केंद्र पर निशाना साधा और उस पर भवानीपुर उपचुनाव से पहले जांच एजेंसियों को सक्रिय करने का आरोप लगाया.
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