चोटीकांड ने दिल्ली के साल 2001 के 'मंकीमैन' की याद दिला दी!
आज देश में जिस तरह लोगों में चोटी कटने का डर है, आज से लगभग डेढ़ दशक पहले देश की राजधानी इसी तरह के एक डर से गुजर चुकी है. इस चोटीकांड ने एकबार फिर देश को काला बंदर यानी मंकीमैन की खौफनाक दास्तां याद दिला दी है.
नई दिल्लीः दिल्ली के आस-पास के इलाकों सहित देश के चार राज्यों में चोटी कटने की घटना ने लोगों की रातों की नींद उड़ा दी है. पिछले हर कुछ दिनों से हर दिन महिलाओं और लड़कियों की चोटी कटने का मामला सामने आ रहा है. चोटीकांड से लोग दहशत में हैं लेकिन देश के लिए ऐसा माहौल कोई नई बात नहीं है. इससे पहले जब सोशल मीडिया और व्हाट्सएप का दौर नहीं था तो भी एक ऐसी कही घटना ने दिल्ली सहित देश के होश उड़ा दिए थे. काला बंदर या मंकीमैन ने दिल्ली सहित देश में खौफ का माहौल बना दिया था.
दिल्ली का मंकीमैन साल 2001 की गर्मियों मे देश की राजधानी दिल्ली में मंकीमैन का खौफ था. कुछ लोगों पर मंकी मैन ने हमला भी किया था. उस वक्त कुछ लोगों ने ये दावा किया कि उन्होंने मंकीमैन को देखा है. उनके मुताबिक मंकीमैन की लम्बाई 4 फ़ीट थी, सारे बदन पर काले घने बाल, चेहरा हेलमेट से ढ़का हुआ और उसके हाथ पर मेटल के पंजे लगे होते थे. वह इस मेटल के पंजे से ही लोगों पर हमले करता था.
जांच में हुआ खुलासा
दिल्ली तक सीमित इस मामले में पुलिस के पास शिकायतें बढती गयीं. हर जगह की कमोबेश एक सी कहानी थी. पीड़ित के शरीर पर नाखून से खरोंचने के निशान मिलते थे. पुलिस ने जब जांच की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. ये साफ हुआ कि ऐसा कोई जानवर या शख्स था ही नहीं. दरअसल ये लोगों की सॉइकोलॉजिकल क्रिएशन थी यानी लोगों के दिमाग की उपज थी.
गायब हुआ मंकीमैन
मंकीमैन की घटना सबसे पहले दिल्ली के यमुनापार इलाके में सामने आई थी और देखते ही देखते ये दिल्ली के शालीमार बाग, साहिबाबाद, ओखला, मोदी नगर, संगम विहार जैसे इलाकों में फैल गया. कहा जाता था कि वह लोगों की छतों से कूदता हुआ आता था और लोगों पर हमला कर ऐसे ही भाग निकलता था. धीरे-धीरे ये घटना खुद-ब-खुद बंद हो गई. और मंकी मैन कौन था, कहां गया था भी या नहीं इसका सही जवाब देश को अब तक नहीं मिला है.
आज देश में जिस तरह लोगों में चोटी कटने का डर है, आज से लगभग डेढ़ दशक पहले देश की राजधानी इसी तरह के एक डर से गुजर चुकी है. इस चोटीकांड ने एकबार फिर देश को काला बंदर यानी मंकीमैन की खौफनाक दास्तां याद दिला दी है.