नई दिल्ली/श्रीनगर: राजस्थान से शुरू हुई चोटी कटने की अफवाह अब कश्मीर की वादियों तक पहुंच चुकी है, लेकिन इस बार इस अफवाह में अलगाववादियों की नई साज़िश की बू आ रही है. साज़िश इसलिए क्योंकि इस अफवाह की आड़ में अलगाववादी घाटी में खोई अपनी जमीन को फिर से पाने की कोशिश कर रहे हैं.


चोटी काटने के आरोप में पहले जलती चिता में जिंदा इंसान को फेंका गया, फिर डल झील में युवक को डुबा कर मारने की कोशिश की गई और अब चोटी काटने के विरोध में घाटी में बंद का ऐलान हुआ है.

ये तीनों कहानियां कश्मीर घाटी की हैं, जो बताने के लिए काफी हैं कि घाटी को नए सिरे से कैसे दहलाने की साज़िश रची जा रही है. कश्मीर की फिजा में एक बार कैसे जहर घोलने की कोशिश की जा रही है.



चोटी काटने के आरोप में पहले जलती चिता में जिंदा इंसान को फेंका गया, ये मामला सोपोर की है, जब भीड़ ने एक जिंदा शख्स को चोटी काटने के शक में जलाने की कोशिश की.



डल झील में युवक को डुबा कर मारने की कोशिश की गई. ये कहानी श्रीनगर के ही डल झील की है. जहां एक शख्स को पानी में डुबा कर मारने की कोशिश की जा रही है. और जब इतने से भी मन नहीं भरा तो उस पर कोड़े बरसाए गए.



और ये तीसरा मामला घाटी में कर्फ्यू का है, जिसे अलगाववादियों के बंद के ऐलान के बाद लगाया गया है. घाटी में चोटी कटने की अफवाह लगातार बढ़ रही है और अफवाह की इस आग में अलगाववादी नेता घी डालने का काम कर रहे हैं.

सैय्यद अली शाह गिलानी, मीरवाइज़ उमर फारुख और यासिन मलिक जैसे नेताओं ने चोटी कटने की घटनाओं को राजनीतिक रुप दे दिया है और लोगों का भरोसा फिर से पाने के लिए घाटी में बंद का ऐलान किया है. घाटी में पिछले चार दिनों के भीतर चोटी कटने की घटनाओं की कई अफवाहें सामने आई हैं और इन्हीं अफवाहों को भुनाने के लिए अलगाववादियों ने लोगों को नए सिरे भड़काना शुरु कर दिया है.

अलगाववादियों का नया प्लान!

अलगाववादियों के बंद को देखते हुए एहतियात के तौर पर घाटी के सभी स्कूल-कॉलेज को बंद कर दिया गया है.

  • कश्मीर यूनिवर्सिटी में होने वाली परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है

  • नौहट्टा, खनयार, रैनावारी और मैसुमा समते 7 इलाकों में धारा 144 लगा दी गई है


अफवाहों के पीछे साज़िश की बू क्यों

चोटी कटने की अफवाहें देश के कई हिस्सों से पहले भी सामने आ चुकी हैं, लेकिन कश्मीर में चोटी काटने की अफवाहों के पीछे साज़िश की बू क्यों आ रही हैं. इसकी वजहें हैं. क्योंकि पाकिस्तान से खबर आई शिया-सुन्नी भाई-भाई. अनंतनाग से आई तस्वीरें में लगाए जा रहे नारे भी यही कहानी बताते हैं.

दरअसल, घाटी में सेना ऑपरेशन ऑल आउट चला रही है, जिसके तहत आतंकियों को चुन-चुन कर मौत के घाट उतारा जा रहा है. दूसरी ओर टेरर फंडिंग मामले में NIA की जांच अलगाववादियों की गर्दन तक पहुंच चुकी है. ऐसे में चोटी कटने की अफवाहों को हवा देकर यासिन मलिक और गिलानी जैसे नेता एक बार फिर से लोगों के साथ जुड़कर घाटी में नफरत और हिंसा फैलाना चाहते हैं.