'आर्म फोर्स के वेतन पर रिपोर्ट के खुलासे से इनकार करने पर पुनर्विचार करें'- CIC ने PMO को दिया निर्देश
CIC ने पीएमओ को आर्म फोर्स के वेतन वाले रिपोर्ट को दोबारा से खोलने की सलाह दी. PMO ने कहा कि इस तरह की रिपोर्ट अत्यधिक संवेदनशील है और कुछ हिस्सों का पहले ही खुलासा किया जा चुका है.
Central Information Commission: केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) ने प्रधानमंत्री ऑफिस को सशस्त्र बलों के कर्मियों के वेतन और पेंशन पर पूर्व विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी की अगुवाई में मंत्रियों के एक समूह की 14 साल पुरानी रिपोर्ट का खुलासा करने से इनकार करने के फैसले पर ‘‘पुनर्विचार’’ करने का निर्देश दिया है. पीएमओ ने इस रिपोर्ट को ‘‘अत्यधिक संवेदनशील’’ बताते हुए सूचना का अधिकार (RTI) के तहत इसका खुलासा करने से इनकार कर दिया था.
यह निर्देश तब दिया गया है जब आरटीआई आवेदक ने आयोग से कहा कि रक्षा मंत्रालय के तरफ से इस रिपोर्ट के कुछ हिस्सों का पहले ही खुलासा किया जा चुका है. Prime Minister’s Office (PMO) ने इस रिपोर्ट को ‘‘अत्यधिक संवेदनशील’’ तथा ‘‘भारत की संप्रभुत्ता और अखंडता पर प्रतिकूल असर’’ डालने वाली बताया था.
एस वाई सावुरी ने दस्तावेज मांगे
एस वाई सावुरी ने 31 जनवरी 2021 को दिए अपने आरटीआई (RTI) आवेदन में मुखर्जी के तरफ से 19 दिसंबर 2008 को उस समय के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मंजूरी के लिए दी गयी रिपोर्ट की कॉपी और दूसरे दस्तावेज मांगे हैं. पीएमओ ने रिपोर्ट और दूसरे दस्तावेजों का खुलासा करने से इनकार करते हुए कहा था कि यह सूचना ‘‘अत्यधिक संवेदनशील’’ है तथा उसने इसके खुलासे से इनकार करने के लिए आरटीआई कानून की धारा 8(1)(A) का हवाला दिया था.
सिफारिशों को सार्वजनिक किया गया
जब मामला केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) के पास पहुंचा तो एस वाई सावुरी ने कहा कि मंत्रियों के समूह की 2008 की इस रिपोर्ट का रक्षा मंत्रालय के तरफ से पहले ही खुलासा किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि समूह की ज्यादातर सिफारिशों को सार्वजनिक किया जा चुका है.
मुख्य सूचना आयुक्त वाई के सिन्हा ने आदेश दिया, ‘‘पूर्वगामी चर्चा के मद्देनजर आयोग प्रतिवादी (PMO) को आवेदक की लिखित दलीलों के मद्देनजर तुरंत आरटीआई (RTI) आवेदन पर पुनर्विचार करने तथा सूचना के प्रसार के आरटीआई (RTI) कानून की शर्तों में गुंजाइश की तलाश करते हुए फिर से नया जवाब देने का निर्देश देता है.’’
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