CISCE ने कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं वहीं कक्षा 10वीं के परीक्षार्थियों के लिए लिखित परीक्षा में बैठना ऑप्शनल कर दिया है. जून के पहले हफ्ते में कोरोनावायरस के आंकड़ों को ध्यान में रख बोर्ड परीक्षाओं को लेकर कोई ऐलान किया जाएगा. CBSE ने हाल ही में 10वीं के बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा रद्द करने का ऐलान किया है लेकिन ICSE बोर्ड ने परीक्षा रद्द ना करते हुए छात्रों को विकल्प चुनने का अवसर दिया है. ICSE बोर्ड के अनुसार जो छात्र लिखित परीक्षा नही देना चाहते उनके लिए बोर्ड द्वारा 'निष्पक्ष मापदंड ' तय किए जाएंगे.
ICSE की परीक्षाएं मई 4 से 7 जून तक आयोजित होने वाली थी. लेकिन पूरे देश में बढ़ रहे कोरोनावायरस के मामलों के मद्देनजर फिलहाल ये निर्णय CBSE के निर्णय लेने के दो दिन बाद ही लिया गया है. ICSE बोर्ड के छात्र लक्ष्य कहते हैं कि " मेरे अध्यापकों ने कोरोनावायरस जैसी बीमारी के बावजूद हमें बहुत वक्त दिया है, रोज़ हमारी क्लासेस ली हैं और बोर्ड परीक्षा नहीं देने जैसा सवाल मेरे मन में बिलकुल नहीं है. जब भी परीक्षा देने का वक्त अनुकूल होगा मैं लिखत परीक्षा ही देना चाहूंगा."
छात्रा शिक्षा कहती हैं कि कक्षा 12वीं की परीक्षाएं स्थगित हो गईं "मुझे डर है कि स्थित बेहतर नहीं हुई तो और कितने महीने या साल हमें सब कुछ ठीक होने तक इंतजार करना पड़ेगा. एग्जाम देना है, कॉलेज जाना है, बहुत कुछ करना है. लेकिन कोरोनावायरस के कारण जैसे जिंदगी थम सी गई है."
एक अन्य छात्रा कनिका कहती हैं, "हमारी परीक्षाएं पहले भी स्थगित की गई थीं, अब फिर से स्थिति खराब होती जा रही है. मेरे परिवार में सभी कोरोना वायरस की चपेट में हैं और सभी रिकवर हो रहे हैं. ऐसे में पढ़ना और एग्जाम देना बहुत मुश्किल होता. मुझे खुशी है कि बोर्ड परीक्षा का दबाव इस वक्त मुझ पर नही होगा."
10वीं की बोर्ड परीक्षा देने जा रहे छात्र कपिल कहते हैं कि मैं दिल्ली का रहने वाला हूं, महीनों से घर से ही पढ़ रहा हूं, बाहर जाने का मन करता है लेकिन रोज के बढ़ते आंकड़ें देख कर डर लग रहा है. मुझे खुशी है कि हमारे लिए ऑप्शन रखा गया है और हमारी परीक्षा दूसरे बोर्ड की तरह कैंसल नही की गई हैं."
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