CISF ने जम्मू में नाकाम किया बड़ा फिदायीन हमला, एक जवान शहीद, दो आतंकी ढेर
Jammu Kashmir Terror News: आतंकवादी हमले का बहादुरी से मुकाबला करते हुए सीआईएसएफ के सहायक उप निरीक्षक एसपी पटेल शहीद हो गए. दूसरा बल कर्मी गंभीर रूप से घायल हो गया.
Jammu Kashmir Terror News: सीआईएसएफ की 13 कंपनियां केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में कानून-व्यवस्था कर्तव्य हेतु तैनात हैं. सीआईएसएफ तीसरी रिजर्व बटालियन, भिलाई (छत्तीसगढ़) की कंपनी संख्या 757 को जम्मू शहर में नरवाल पुलिस स्टेशन, जम्मू की स्थानीय पुलिस के साथ कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किया गया है. सूचना के आधार पर कि कुछ फिदायीन आतंकवादी जम्मू क्षेत्र में एक बड़े हमले की योजना बना रहे हैं, एक संयुक्त कॉम्बिंग और तलाशी अभियान चलाया जा रहा था, जिसमें सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस कर्मियों को इनर कोर्डन और तलाशी अभियान के लिए तैनात किया गया था और चड्डा कैंप के पास नाका में सीआईएसएफ के जवान बाहरी घेराबंदी के लिए तैनात थे.
अंधेरे का फायदा उठाकर भागे आतंकी
आज चड्डा कैंप के पास नाका में बाहरी कोर्डन में तैनात सीआईएसएफ के 15 जवान और उनको रिलीव करने के लिए बल सदस्यों की एक टीम, जो उसी समय बस से पहुंची थीं, पर आतंकवादियों ने हमला कर भारी गोलीबारी शुरू कर दी. सीआईएसएफ के जवानों ने तुरंत मोर्चा संभाला और त्वरित प्रभावी जवाबी कार्रवाई की. जवाबी कार्रवाई के दौरान आतंकवादियों ने ग्रेनेड दागे और अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से पास के रिहायशी इलाके की ओर भाग गए.
आतंकवादी हमले का बहादुरी से मुकाबला करते हुए सीआईएसएफ के सहायक उप निरीक्षक एसपी पटेल शहीद हो गए. दूसरा बल कर्मी गंभीर रूप से घायल हो गया. सीआईएसएफ के छह अन्य कर्मी मामूली रूप से घायल हुए हैं. इन सभी की चिकित्सा जम्मू मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में चल रही है. घटना के बाद की गई कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने हमले के लिए जिम्मेदार दोनों आतंकवादियों को ढेर कर दिया.
इलाके में मौजूद थे जैश के दो फिदायीन आतंकी
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इलाके में जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन के दो फिदायीन (आत्मघाती) आतंकी मौजूद थे. ये आतंकी सुरक्षा बलों/निर्दोष लोगों को निशाना बनाने की योजना बना रहे थे. यदि वे बाहरी घेरा (नाका) को पार करने में कामयाब हो जाते, तो सुरक्षा बलों को बड़ा नुकसान हो सकता था. सीआईएसएफ कर्मियों की बहादुरी एवं त्वरित जवाबी कार्रवाई के कारण, एक बड़ा फिदायीन हमला टल गया और आतंकवादियों को मुँहतोड़ जवाब देते हुए उनके मंसूबों को नाकाम कर दिया गया.