Doctor Rape Murder Case: 1 असिस्टेंट कमांडेंट, 3 इंस्पेक्टर की अगुवाई में CISF के 151 जवान संभालेंगे आरजी कर मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा का जिम्मा
Kolkata: सुप्रीम कोर्ट ने अस्पताल की सुरक्षा CISF को सौंपने का आदेश दिया था. गुरुवार को CISF के जवान पहुंचे और मेडिकल कॉलेज-अस्पताल के रेजिडेंस डॉक्टर के हॉस्टल और अन्य सुविधाओं की सुरक्षा संभाल ली.
CISF Deployed in RG kar Medical Hospital: सुप्रीम कोर्ट की ओर से आरजी कर अस्पताल की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ के जवानों को तैनात करने के आदेश के बाद गुरुवार (22 अगस्त 2024) को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के जवान अस्पताल पहुंचे. हॉस्पिटल पहुंचने के बाद सीआईएसएफ ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की सुरक्षा का जिम्मा संभाल लिया है.
सीआईएसएफ के 151 अधिकारी और सुरक्षाकर्मी अस्पताल परिसर में सुरक्षा के मद्देनजर तैनात रहेंगे. इन सब में एक असिस्टेंट कमांडेंट, तीन इंस्पेक्टर, तीन सब-इंस्पेक्टर, 38 हेड कॉन्स्टेबल, 68 कॉन्स्टेबल समेत अन्य सुरक्षाकर्मी अस्पताल की सुरक्षा में तैनात होंगे. वहीं कल शाम पहुंचने के बाद से ही सभी सुरक्षाकर्मी अपना-अपना चार्ज संभाल लेंगे.
हॉस्टल और अस्पताल की सुरक्षा संभालेगी CISF
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अस्पताल की सुरक्षा सीआईएसएफ को सौंपने का आदेश दिया था. इसके बाद सीआईएसएफ के जवान मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के रेजिडेंस डॉक्टर के हॉस्टल और अन्य सुविधाओं की सुरक्षा करने के लिए तैनात किए गए हैं. दरअसल, इस मामले के सामने आने के बाद डॉक्टरों और आम लोगों ने कोलकाता में 14 अगस्त को विरोध-प्रदर्शन किया था. इस दौरान कुछ लोगों ने अस्पताल परिसर पर हमला कर तोड़फोड़ की थी. इस केस में पुलिस की कार्रवाई भी सवालों के घेरे में थी. इसके बाद से ही अस्पताल की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे थे.
10 सदस्यीय टास्क फोर्स बनाई गई
सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों की सुरक्षा और सुविधा को सुनिश्चित करने के लिए एक नेशनल प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए 10 लोगों की टास्क फोर्स बनाने के निर्देश दे दिए हैं. यह टीम तीन सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट और दो महीने के अंदर अपनी फाइनल रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के सामने सौंप देगी.
9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर से रेप के बाद कर दी गई थी हत्या
9 अगस्त की सुबह आरजी कर मेडिकल अस्पताल व कॉलेज के सेमिनार रूम में एक 31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी. इस मामले में मुख्य आरोपी, जो एक सिविक वॉलिंटियर था, उसे घटना के अगले दिन ही अरेस्ट कर लिया गया था. इस घटना के बाद से ही देशभर में डॉक्टर हड़ताल और विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं.
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