नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में दिल्ली के जामिया में हुई हिंसक प्रदर्शन को लेकर सोमवार को दिल्ली पुलिस ने सफाई दी. दिल्ली पुलिस ने उन सवालों का भी जवाब देने की कोशिश की जिसमें उसपर सवाल उठाए जा रहे थे. पुलिस ने बस में आग लगाने वाले सवाल पर सफाई देते हुए बताया कि आगजनी की घटना में पुलिस का कोई रोल नहीं है. पुलिस को बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया पर इस तरह का प्रचार किया जा रहा है.


दिल्ली में नागरिकता संशोधन काननू के विरोध को लेकर हिंसक हुए प्रदर्शन पर सोमवार को दिल्ली पुलिस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा ने पुलिस की भूमिका को साफ किया. प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए दिल्ली के पीआरओ पूरी तरह से आत्मविश्वास से भरे नजर आए. इससे माना जा सकता है कि दिल्ली पुलिस इस मामले में किसी तरह के दबाव में नहीं है.


दिल्ली पुलिस ने कानून व्यवस्था के मद्देनजर उठाए गए कदमों को जरूरी बताते हुए अपनी बात मीडिया के सामने रखी. पुलिस ने बताया कि किस तरह से प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर हमला बोला. सरकारी संपति को नुकसान पहुंचाया. पुलिस ने यह भी साफ किया कि छात्रों को घबराने की जरूरत नहीं है. जो लोग घटना में दोषी हैं उन्हीं लोगों पर कार्रवाई की जाएगी. पुलिस ने बताया है कि पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई हैं.


प्रेस वार्ता के बाद यह माना जा रहा है कि पुलिस प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर सकती है. इस मामले में पुलिस ने अभी तक दो एफआईआर दर्ज की हैं. जिसकी जांच क्राइम ब्रांच को दी गई है. पुलिस ने इस बात का भी खंडन किया जिसमें फायरिंग की बात कही जा रही थी. पुलिस का कहना था कि प्रदर्शन के दौरान फायरिंग की कोई घटना नहीं हुई है. पुलिस अब उन वीडियो की भी जांच की जाएगी जो इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं.