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गारंटी दे रहा हूं...7 दिनों में देश में लागू हो जाएगा CAA- केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर का दावा
Shantanu Thakur on CAA:
![गारंटी दे रहा हूं...7 दिनों में देश में लागू हो जाएगा CAA- केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर का दावा Citizenship Amendment Act will implement with in a week claims Union Minister Shantanu Thakur गारंटी दे रहा हूं...7 दिनों में देश में लागू हो जाएगा CAA- केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर का दावा](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/01/29/31827100835b352c85a883bbe2de3f6b1706502076936858_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Shantanu Thakur on CAA: केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि सीएए एक हफ्ते के अंदर देश में लागू कर दिया जाएगा. यह बात उन्होंने पश्चिम बंगाल के साउथ 24 परगना के काकद्वीप में हुए कार्यक्रम के दौरान कही. वह बोले- मैं मंच से गारंटी दे रहा हूं कि अगले 7 दिनों में सिर्फ बंगाल ही नहीं बल्कि पूरे देश में इस कानून को लागू कर दिया जाएगा.
सीएए को लेकर शांतनु ठाकुर ने पिछले साल दिसंबर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के उस भाषण का भी जिक्र किया जिसमें अमित शाह ने नागरिकता संशोधन अधिनियम को 'देश का कानून' बताया था और कहा था कि इसके लागू होने से कोई नहीं रोक सकता है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तब सीएए को लेकर लोगों को गुमराह करने का भी आरोप लगाया था.
क्या है CAA?
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार यह कानून लेकर आई थी. सीएए कानून के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए प्रताड़ित गैर मुस्लिमों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को भारत की नागरिकता दी जाएगी. यह कानून दिसंबर 2019 में संसद से पास हुआ था. संसद से पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था. हालांकि, इसके बाद कानून के विरोध में देश के अलग-अलग राज्यों में विरोध प्रदर्शन का सिलसिला शुरू हुआ था और दिल्ली में भी कई महीनों तक इसे लेकर धरना प्रदर्शन (शाहीन बाग समेत कुछ और इलाकों में) चला था.
बंगाल ने CAA के खिलाफ पारित किया था प्रस्ताव
वैसे, बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई वाली टीएमसी सरकार ने 2020 में सीएए के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया था. इस तरह का प्रस्ताव लाने वाला पश्चिम बंगाल चौथा राज्य बन गया था. ममता बनर्जी ने तब घोषणा की थी, "बंगाल में हम सीएए, एनपीआर और एनआरसी लागू नहीं होने देंगे."
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