नागरिकता संशोधन: बिल को संविधान विरोधी बताते हुए ओवैसी ने कहा, मुसलमान भी इसी देश के हिस्सा हैं
नागरिकता संशोधन बिल का AIMIM अध्यक्ष ओवैसी ने विरोध किया है. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा है.
नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन सरकार ने लोकसभा में पेश कर दिया है. इसपर विपक्ष का जमकर हंगामा जारी है. जहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि यह बिल किसी भी तरह से अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है तो वहीं इस पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने निशाना साधा.
ओवैसी ने कहा,'' मैं अपनी बात इस बिल को लेकर रखना चाहता हूं. पहली बात यह कि धर्मनिरपेक्षता इस देश की आत्मा है. संविधान के आर्टिकल 14 में समानता का अधिकार मिला हुआ है और कहा गया है कि किसी भी आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा. यह संविधान का उल्लंघन है.''
ओवैसी ने लोकसभा स्पीकर से विनती करते हुए आगे कहा,'' मुल्क को ऐसे कानून से बचा लीजिए. मुसलमान भी इसी देश का हिस्सा है. इस तरह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन हो रहा है.'' उन्होंने इस दौरान अमित शाह की तुलना हिटलर के साथ कर दी. हालांकि उनके इस बयान को संसद के रिकॉर्ड से हटा दिया गया.
अमित शाह ने क्या कहा
विपक्ष के आरोप पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि इस बिल में कहीं भी मुस्लिमों का नाम नहीं है. विपक्ष तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश नहीं करें. नागरिकता संशोधन विधेयक पेश करते हुए उन्होंने कहा- यह बिल 0.001% भी देश के अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है. बिल पेश होते ही लोकसभा में हंगामा शुरू हो गया था. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने इस इस बिल का विरोध किया.
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