नई दिल्ली: विपक्ष के शोर-शराबे के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पेश किया. अपनी बात रखते हुए गृह मंत्री ने इसे आशा की किरण बताया. शाह ने कहा कि पड़ोसी देशों से आने वाले आतंकियों की संख्या आज बहुत बढ़ गई है. उन्होंने विपक्ष को समझाते हुए कहा कि आप मेरी पूरी बात सुनिए और जो भी आपकी आशंका है उसे मैं दूर करूंगा. लेकिन बिना सुने आप सदन से जाइएगा नहीं.
गौरतलब है कि लोकसभा में सोमवार को नागरिकता संशोधन बिल पास करा लिया गया था. उसके बाद आज इसे गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में पेश किया. बिल पेश करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ''यह बिल नागरिकता का अधिकार लेकर आया है. विशेषकर रियायत वर्गों के लिए सोच कर यह आया है. सदन के माध्यम से पूरे देश की जनता को ध्यान दिलाना चाहूंगा, 2019 में जब आम चुनाव हुए थे तो आम चुनाव में अभी जो पार्टी सत्ता में है, बीजेपी और साथी दल ने घोषणापत्र बनाया था. उसको हमने देश की जनता के सामने रखा था. सभापति महोदय multi-party प्रजातंत्र में यह घोषणा पत्र जो सरकार बनने वाली है. उसकी नीतियों की घोषणा होती है. जिसके आधार पर प्रचार होता है, जिसके आधार पर देश की जनता समर्थन देती है.''
शाह ने कहा कि ''जिस दल का घोषणा पत्र अच्छा लगे जनता अपना मत देती है. बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में इस बात की घोषणा की थी. जो लोग कह रहे हैं कि वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं. मैं सबको कहना चाहता हूं, सभी साथियों को कहना चाहता हूं कि हमने चुनाव के समय ही यह घोषणा की थी और जनता के सामने रखा था. जिसे देश की जनता ने जन समर्थन दिया था. लोकतंत्र के अंदर जनादेश से बड़ी कोई बात नहीं होती.''
गृह मंत्री ने कहा, ''यह बिल आशा की किरण दिखाने वाला बिल है. विभाजन के बाद हम सब की कल्पना थी. जो यहां रहते, जो पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यक हैं, वह सब अपने-अपने नागरिक अधिकारों के साथ सम्मान पूर्वक जीवन जी सकेंगे. अपने धर्म का अपने परंपराओं का सम्मान के साथ पालन कर पाएंगे. अपने परिवार के सम्मान का विशेषकर स्त्रियों के सम्मान की रक्षा भी कर पाएंगे और रक्षा करने का अधिकार होगा.''
विपक्ष पर हमला करते हुए अमित शाह ने कहा कि ''क्या आप चाहते हो कि पाकिस्तान से जो मुस्लिम आए उसको नागरिक बना दें, अफगानिस्तान से मुसलमान आए उसको नागरिक बना दें, बांग्लादेश से आए मुस्लिम को नागरिक बना दें.'' उन्होंने विपक्ष को कहा, ''चर्चा करें मैं आपकी हर एक बात का जवाब दूंगा लेकिन मेरी बात सुनिए और अपनी बात कहिए, सदन को छोड़कर मत जाइएगा.''
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