नई दिल्लीः राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पास हो गया 6 महीने की मोदी सरकार में, सरकार का यह तीसरा मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है. राज्यसभा में यह बिल 105 मतों के मुकाबले 125 मतों से पास हो गया शिवसेना ने मतदान का बहिष्कार किया माना जा रहा है कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री की कुर्सी बचाने के लिए शिवसेना ने लोकसभा से उलट इस विधेयक के खिलाफ मतदान किया है.
मतदान से पहले गृह मंत्री अमित शाह ने बहस में शामिल हुए तमाम नेताओं के सवालों का 11 का जवाब दिया सबसे पहला जो सवाल था वह यह था कि इस बिल में मुसलमानों को क्यों नहीं शामिल किया गया है?
इस सवाल का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा अफगानिस्तान पाकिस्तान और बांग्लादेश यह तीनों देश मुस्लिम बहुल है इन देशों में मुसलमानों के साथ धार्मिक आधार पर कोई भी उत्पीड़न नहीं होता है बल्कि इन देशों में रहने वाले हिंदू सिख जैन बौद्ध पारसी शेख जैन बौद्ध पारसी क्रिश्चन धर्म के मानने वालों के साथ धार्मिक उत्पीड़न होता है यह लोग इस कदर उत्पीड़ित किए जाते हैं कि अपना देश छोड़कर भारत में शरण लेते हैं.
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विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पाकिस्तान में 23 फीसदी हिंदू थे अब 3 फीसदी रह गए पाकिस्तान में सिर्फ 20 हिंदू धर्म स्थल ही बचे हैं बांग्लादेश में भी बेहद कम हिंदू धर्म स्थल बच्चे रह गए हैं अफगानिस्तान में भी धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति बदतर हो चुकी है कई प्रांतों में बुर्का अनिवार्य कर दिया गया है अफगानिस्तान में बमुश्किल 500 सिख परिवार बचे हैं.
बिल पास होने से पहले विपक्ष ने नागरिकता संशोधन विधेयक को सेलेक्ट कमेटी में भेजने की कोशिश की इसके लिए मतदान भी हुआ लेकिन विपक्ष का यह प्रस्ताव 99 मतों के मुकाबले 124 मतों से गिर गया. इसके बाद जब बिल पर वोटिंग शुरू हुई तो यह बिल विपक्ष के 105 मतों के मुकाबले 125 मत हासिल करके राज्यसभा में पास हो गया.
बिल पास होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी सांसदों का धन्यवाद किया पीएम मोदी ने कहा कि यह बिल देश के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा यह उन लोगों के दर्द को दूर करेगा जिन्होंने सालों से उत्पीड़न सहा है.
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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस बिल के पास होने पर कहा कि यह देश के बहुत आवाज पर संकीर्ण वादी और कट्टर ताकतों की जीत है उन्होंने आज के दिन को भारतीय लोकतंत्र का काला दिन करार दिया.
बिल के पास होने से पहले गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्वोत्तर राज्यों के चिंताओं को भी दूर करते हुए कहा मणिपुर में इनर लाइन परमिट जारी कर दिया गया है. और बाकी राज्यों में इनर लाइन परमिट पहले से जारी है इसलिए यह कानून पूर्वोत्तर के राज्यों पर लागू नहीं होगा वहां के लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश के किसी भी मुसलमान को इस बिल से डरने की जरूरत नहीं है. भारत के नागरिक किसी भी मुसलमान को देश से बाहर नहीं किया जा रहा है.
अब इस बिल को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा जहां राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह कानूनी रूप ले लेगा.
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