नागरिकता संशोधन बिल राज्यसभा में पास, जानिए सत्ता पक्ष और विपक्ष की क्या रही प्रतिक्रियाएं
लोकसभा के बाद नागरिकता संशोधन बिल राज्यसभा से भी पास हो गया है. बिल के पक्ष में 125 सासंदों ने मतदान किया तो वहीं 105 सांसदों ने इसके खिलाफ वोट दिया.
नई दिल्लीः नागरिकता संशोधन बिल राज्यसभा में भी विपक्ष के भारी हंगामें के बाद पास हो गया है. बिल पर चर्चा के बाद वोटिंग के दौरान सदन में 125 सासंदों ने पक्ष में मतदान किया तो वहीं 105 सासंदों ने बिल की मुखालफत की. वोटिंग के दौरान शिवसेना ने राज्यसभा से वॉकआउट किया. बिल पास होने के बाद भी इस बिल के पास होने के बाद भी विपक्ष लगातार इसका विरोध कर रहा है. आइए जानते हैं इस बिल को लेकर विपक्ष से लेकर सत्ता पक्ष तक के लोगों में किसने क्या कहा..
बिल के विरोध में प्रदर्शन
राहुल गांधी काग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि इस बिल का समर्थन करने वाला कोई भी व्यक्ति हो वो भारत की नींव को नष्ट कर रहा है.
सोनिया गांधी सोनिया ने एक बयान में कहा, ''आज भारत के संवैधानिक इतिहास में काला दिन है. नागरिकता संशोधन विधेयक का पारित होना तुच्छ सोच वाली और कट्टर ताकतों की भारत के बहुलवाद पर जीत है."
असदुद्दीन ओवैसी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह बिल हिटलर के कानूनों से भी बदतर है और यह मुस्लिमों को राष्ट्रविहीन करने की साजिश है.''
ममता बनर्जी ममता बनर्जी ने घोषणा की है कि उनकी सरकार पश्चिम बंगाल में नागरिकता संशोधन विधेयक को लागू नहीं होने देगी. ममता बनर्जी ने कहा, "हम किसी को भी देश से भेजने की अनुमति नहीं देंगे."
सीताराम येचुरी माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने बुधवार को आरोप लगाया कि संसद में नागरिकता (संशोधन) विधेयक के पारित होने के साथ ही BJP अब सावरकर और जिन्ना द्वारा प्रचारित द्विराष्ट्र के सिद्धांत को “फिर से जिंदा” करने की कोशिश कर रही है. येचुरी ने ट्वीट किया, “भारत का बंटवारा 1947 में हुआ था. हिंदू और मुस्लिम मातृभूमि, दोनों के प्रस्तावक एक ही घातक, विभाजनकारी, घृणित और भारतीय विरोधी प्रस्ताव के दो पक्ष थे। भारत ने द्विराष्ट्र के सिद्धांत को खारिज कर दिया. बीजेपी कैब के जरिए इसे फिर जिंदा करने की कोशिश कर रही है.”
अभिषेक मनु सिंघवी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने बुधवार को कहा कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक को निकट भविष्य में अदालत में चुनौती दी जाएगी क्योंकि यह संवैधानिकता के लिहाज से "बेहद संदिग्ध" है.
बिल के पक्ष में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ''भारत के लिए और हमारे देश की करुणा और भाईचारे की भावना के लिए ये एक ऐतिहासिक दिन है. ख़ुश हूं कि सीएबी 2019 राज्यसभा में पास हो गया है. बिल के पक्ष में वोट देने वाले सभी सांसदों का आभार. ये बिल बहुत सारे लोगों को वर्षों से चली आ रही उनकी यातना से निजात दिलाएगा.''
अमित शाह उन्होंने कहा, “नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 संसद में पारित होने के साथ ही करोड़ों वंचित और पीड़ित लोगों के सपने आज साकार हुए हैं.”
देवेन्द्र फडणवीस
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने बुधवार को विवादित नागरिकता (संशोधन) विधेयक को राज्यसभा की मंजूरी मिलने पर खुशी जताते हुए शिवसेना पर निशाना साधा. शिवसेना ने लोकसभा में इस विधेयक को समर्थन दिया था, लेकिन राज्यसभा में इसपर मतदान नहीं किया. फडणवीस ने कहा कि उन्हें शिवसेना पर तरस आ रहा है, जिसने सत्ता के लालच में विचारधारा से समझौता किया. गौरतलब है कि शिवसेना ने हाल ही में कांग्रेस और राकांपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई है.
प्रवीण तोगड़िया
अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने संसद में नागरिकता (संशोधन) विधेयक पारित होने का बुधवार को स्वागत किया. उन्होंने कहा कि वह वर्षों से इस तरह का कानून लाने की बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि विधेयक पारित होने के साथ ही पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना सहने वाले गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को न्याय मिलेगा. साथ ही, उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में भूमि एवं प्राकृतिक संसाधन सीमित हैं, बांग्लादेश से आए हिंदू शरणार्थी जो क्षेत्र में बस गए हैं, उन्हें भारत के अन्य राज्यों में बसाना चाहिए.
क्या है नागरिकता संशोधन बिल
बता दें कि नागरिकता संशोधन बिल राज्यसभा में पास हो गया. बिल के पक्ष में 125 वोट पड़े तो वहीं 105 सांसदों ने इस बिल का विरोध किया. इससे पहले सोमवार को ही लोकसभा से यह बिल पारित हो चुका है. इस बिल में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है.