नई दिल्ली: लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने नागरिकता संशोधन बिल का विरोध नहीं करने का फ़ैसला किया है. पहले ये ख़बर आई थी कि कुछ पार्टी पदाधिकारियों को बिल पर आपत्ति है लेकिन पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान ने उनकी आपत्तियों को दरकिनार कर दिया.


पार्टी का रुख़ तय करने के लिए हुई बैठक


इस मसले पर पार्टी का रुख़ तय करने के लिए कल पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान ने पार्टी के कुछ सांसदों और पदाधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान भी मौजूद थे. सूत्रों के मुताबिक़ बैठक में कुछ पार्टी पदाधिकारियों ने बिल को धर्मनिरपेक्षता के ख़िलाफ बताते हुए इसका विरोध करने का प्रस्ताव रखा लेकिन अंत में बिल का विरोध नहीं करने का फ़ैसला लिया गया.


घुसपैठिए हैं देश के लिए समस्या


बैठक में घुसपैठ को देश की तरक्की के लिए ख़तरा बताया गया. पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान इस मत के थे कि केवल वैसे अवैध शरणार्थियों को भारत में जगह मिल सकती है जिनके लिए भारत के अलावा कोई और देश नहीं है. सूत्रों के मुताबिक़ पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि इस मुद्दे पर सरकार के साथ खड़ा रहना चाहिए.


सोमवार को बिल होगा पेश


नागरिकता संशोधन बिल सोमवार को लोकसभा में पेश होगा. गृह मंत्री अमित शाह बिल को पेश करेंगे. बिल में पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश से 31 दिसम्बर 2014 तक भारत आए अवैध शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दिए जाने का प्रावधान है बशर्ते वो मुसलमान नहीं हों. लोकसभा में सरकार का बहुमत है इसलिए बिल का पारित होना तय है लेकिन राज्यसभा में एनडीए के अल्पमत में रहने के चलते दूसरे दलों की मदद की ज़रूरत पड़ेगी.


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