Tent City in Varanasi on Shivratri to Navratri: गंगा के तट पर धर्म ,अध्यात्म व संस्कृति के संगम का नया अध्याय शुरू करने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने काशी में एक टेंट सिटी बसाने की पहल की है. वाराणसी विकास प्राधिकरण ने इसके लिए एक्सप्रेशन ऑफ़ इंटरेस्ट भी जारी कर दिया है. सरकार को उम्मीद है कि इससे  पर्यटन उद्योग को भी एक नया आयाम मिलेगा. 


ये टेंट सिटी काशी के ऐतिहासिक घाटों के ठीक सामने गंगा पार रेत पर नवरात्री से शिवरात्री तक बसाई जाएगी. गंगा के किनारे इस तम्बुओं के शहर से ख़ूबसूरत अर्धचंद्राकार 84 घाटों का नजारा लिया जा सकेगा. ख़ासतौर से चांदनी रात में टेंट सिटी की आभा देखने लायक होगी. 


पर्यटकों के लिए होगा नया अनुभव 
टेंट सिटी में पर्यटकों के लिए खान-पान ,पारंपरिक मनोरंजन, अध्यात्म व कॉरपोरेट वर्ल्ड के लिए सेमिनार व कांफ्रेंस करने की भी सुविधाएं होंगी. होटल के बजाय गंगा के किनारे रुकना और सुबह उठकर मां गंगा के दर्शन के साथ घाट की सुंदर आभा को निहारना भी पर्यटकों के लिए नए अनुभव के रूप में शामिल होगा. 


टेंट सिटी की थीम 
काशी के कायाकल्प के बाद इसके बदलते स्वरुप को निहारने के लिए वाराणसी में लगातार पर्यटकों की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में योगी सरकार ने पर्यटकों को बेहतर सुविधा देने के लिए गंगा के किनारे टेंट सिटी बनाने का फ़ैसला किया है. काशी की इस टेंट सिटी को ग़ुजरात  के रन ऑफ कच्छ और जैसलमेर के सेंड ड्यून्स के तर्ज़ पर बनाया-बसाया जाएगा. 


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5 वर्ग किलोमीटर में बसेगी टेंट सिटी 
वाराणसी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष ईशा दुहन ने बताया कि गंगा के उस पार अस्सी घाट के सामने रेत पर रामनगर के कटेसर क्षेत्र में लगभग 500 हेक्टेयर में तंबुओं  का शहर बसाया जाएगा. इसे जरूरत के मुताबिक बढ़ाया जा सकता है. इसे इस ध्येय के साथ बनाया जा रहा है कि यहां धर्म, अध्यात्म व संस्कृति का संगम हो सके. 


टेंट सिटी में होंगी ये सुविधाएं 
टेंट सिटी में हर वो सुविधा  होगी जो किसी पर्यटन स्थल पर होती है. यहां ठेठ बनारसी खान-पान के साथ पारम्परिक सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आनंद खुली हवा में लिया जा सकेगा. इसके साथ ही वाटर एडवेंचर स्पोर्ट्स (जेट स्की ,बनाना बोट पैरासेलिंग ,कैमल और हॉर्स राइडिंग ,फिसिंग ) का लुफ़्त भी पर्यटक ले सकेंगे. टेंट सिटी में रहकर पर्यटक निर्मल व अविरल गंगा की कलकल के बीच टेंट में घर जैसा माहौल पाएंगे. योग ,मेडिटेशन,लाइब्रेरी ,आर्ट गैलरी के लिए भी यहां शांत जगह होगी. 


गंगा में सैर करने के होंगे हाई टेक इंतज़ाम 
सुबहे-ऐ-बनारस के साथ ही गंगा किनारे सुबह व शाम मां गंगा की आरती होगी. मोक्ष की नगरी काशी से प्राप्त दिव्य ज्ञान को पर्यटक मनरूपी रेत पर अपनी अनुभूति की आकृति भी उकेर पाएंगे. यहां जेटी भी होगी जहाँ से पर्यटक गंगा में सैर करने के लिए क्रूज़ व बजरे पर सवार हो सकेंगे. विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष  ईशा दुहन ने बताया कि पीक सीज़न में पर्यटकों के आमद से होटल में कमरे कम पड़ जाते हैं जिसमे ये योजना मददगार साबित होगी. सरकार चाहती है कि काशी आने वाले पर्यटक कम से कम 7 दिनों तक यहां रुके. 


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