भारत का झंडा बुलंद करेगी Air India, मुश्किलों से भरा फैसला था एयरलाइन को बेचना
Jyotiraditya Scindia: नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि 69 साल पहले एयरलाइन का निजीकरण राष्ट्रीयकरण की दिशा में किया गया था पर बाद में यह एक गलत कदम साबित हुआ.
Air India Belongs To Tata: देश के नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने टाटा को एयर इंडिया सौंपे जाने के बाद कहा है कि उन्हें लगता है कि यह सरकार और टाटा समूह और उससे जुड़े सभी संबंधित हितधारकों के लिए फायदे की स्थिति है. सिंधिया ने कहा कि यह ट्रांजैक्शन भारतीय विमानन और नागरिक उड्डयन क्षेत्र में बेहतरीन कदम है. यह संभावनाओं और सेवा के नये द्वार खोलेगा.
सिंधिया ने आगे कहा कि इसका हस्तांतरण करना एक बहुत ही लंबी प्रक्रिया रही है और इस प्रक्रिया को पूरा होने में लगभग बीस वर्ष का समय लग गया है. उन्होंने कहा कि 69 साल पहले इस एयरलाइन का निजीकरण राष्ट्रीयकरण की दिशा में किया गया था पर बाद में यह एक गलत कदम साबित हुआ. हमने इसे ठीक किया है. अब यह एयरलाइन वापस फिर से निजी क्षेत्र में जा रही है.
I think it is a win-win situation for all stakeholders concerned, for Govt and for Tata Group. This transaction represents a huge quantum jump in terms of capabilities in the Civil Aviation sector: Civil Aviation Minister Jyotiraditya Scindia on #AirIndia pic.twitter.com/1tsMT4LYLS
— ANI (@ANI) January 28, 2022
नए मालिक के साथ उड़ान भरने को तैयार है एयर इंडिया
गौरतलब है कि गुरुवार को देश की सबसे पुरानी एयरलाइन एयरइंडिया को सरकार ने 69 साल बाद टाटा समूह को वापस सौंप दिया है. एयर इंडिया ने टाटा समूह के साथ अपनी हस्तांतरण प्रक्रिया पूरी होने के बाद ट्वीट कर कहा कि वह नए मालिक के साथ नई उड़ान भरने के लिये पूरी तरह से तैयार है.
एयरलाइन ने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट करते हुये कहा कि टाटा समूह का हिस्सा बनना एयर इंडिया के लिए एक बड़ा और नया अध्याय है. दो बड़े ब्रांड साथ आए हैं और वह कुछ विशेष करने के लिये पूरी तरह से तैयार हैं. एयर इंडिया ने कहा कि दोनों ही ब्रांड की विरासत समृद्ध रही है और हमारा साझा मिशन इस देश की सेवा करना है.
1932 में टाटा ग्रुप ने की थी एयर इंडिया की शुरुआत
एयर इंडिया की शुरुआत टाटा ग्रुप ने 1932 में की थी. हालांकि, देश को आजादी मिलने के बाद, 1953 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने विमानन कंपनी का राष्ट्रीयकरण कर दिया था. सरकार ने एयर इंडिया को टाटा समूह को सौंपने से पहले उसकी सहायक कंपनी एआईएएचएल (AIAHL) में रखे गए 61,000 करोड़ रुपये के पुराने कर्ज और अन्य देनदारियों का निपटारा कर दिया है.