(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
'एक सवाल के दो जबाव सही कैसे? आपने जो किया उससे 4 लाख से ज्यादा को फायदा मिला', SG तुषार मेहता की दलील पर CJI चंद्रचूड़ ने जताई चिंता
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि ऑप्शन नंबर 2 और ऑप्शन नंबर 4 दोनों ही संभावित रूप से सही थे. कुछ छात्रों ने पुरानी एनसीईआरटी के हिसाब से उत्तर दिया था.
नीट पेपर लीक मामले में सोमवार (22 जुलाई, 2024) को सुनवाई करते हुए सप्रीम कोर्ट ने एक सवाल के दो जवाबों के भ्रम को दूर करने के लिए आईआईटी दिल्ली को तीन सदस्यीय कमेटी बनाने को कहा है. एक प्रश्न के लिए 44 छात्रों को दिए गए ग्रेस मार्क्स के याचिकाकर्ता के सवाल पर कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल से आईआईटी दिल्ली के निदेशक को कमेटी बनाने के आदेश की जानकारी देने को कहा.
मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा के बेंच के सामने एक वकील ने कहा कि 44 छात्रों को ग्रेस मार्क्स मिलने के कारण उन्हें पूरे अंक मिले हैं. सीजेआई चंद्रचूड़ ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) से कहा कि हमें चिंता इस बात की है कि आपने जो किया उसका लाभ 4 लाख से ज्यादा छात्रों को मिला है. सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले पर मंगलवार को सुनवाई करेगा.
सवाल नंबर 19 के लिए चार ऑप्शन दिए गए थे और ऑप्शन नंबर 4 और 2 सेलेक्ट करने वालों को अंक दिए गए. इस पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से सवाल किया कि क्या हमारे पास उन उम्मीदवारों का ब्योरा है, जिन्होंने अलग-अलग उत्तर दिए. इस पर एसजी मेहता ने कोर्ट को बताया कि 4,20,774 छात्रों ने पुरानी एनसीईआरटी के अनुसार ऑप्शन 2 सेलेक्ट किया, जबकि 9,28,379 छात्रों ने नई एनसीईआरटी के अनुसार ऑप्शन 4 सेलेक्ट किया.
एसजी मेहता के जवाब पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर ऑप्शन 2 को गलत माना जाता है तो 4.20 लाख छात्रों को नुकसान होगा और उन्हें एक नेगेटिव मार्क मिलेगा. एसजी मेहता ने कहा कि कई गरीब छात्रों ने अपने भाई-बहन की पुरानी एनसीईआरटी का इस्तेमाल किया है. इस पर वकील ने कहा कि 2019 में एनसीईआरटी का नया संस्करण आया था, और अगर उन्होंने पुरानी किताबों का इस्तेमाल किया तो आश्चर्य की बात है कि उनके भाई-बहन कब पास हुए.
सीजेआई चंद्रचूड़ ने एसजी मेहता से कहा कि अगर हम आपकी दलील स्वीकार करते हैं, तो ऑप्शन 2 को चुनने वाले छात्रों में से कोई भी यहां नहीं है और ग्रेस मार्क्स पाने वाले 44 छात्र 720 अंक से 715 पर आ जाएंगे. आप दोनों को सही उत्तर नहीं मान सकते थे, दोनों में से कोई एक उत्तर चुनना होगा, दोनों को सही नहीं मान सकते. सीजेआई ने इस पर भी सवाल उठाया कि एनटीए ने दोनों ऑप्शन के लिए मार्क्स देने का फैसला क्यों किया. उन्होंने कहा कि एनटीए इस तरह टॉपर्स की संख्या बढ़ा रहा है. इस पर एसजी मेहता ने कहा कि एनटीए ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि दोनों संभावित उत्तर थे. सीजेआई ने एनटीए से कहा कि आप अपने ही नियम के खिलाफ जा रहे हैं.
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