मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी. वाई. चंद्रचूड़ (D. Y. Chandrachud) ने शनिवार (20 जुलाई, 2024) को एडवोकेट से जूनियर वकीलों के प्रति सामंती सोच त्यागने और उन्हें अच्छी सैलरी देने को कहा. सीजेआई चंद्रूचड़ ने कहा कि जूनियर वकीलों को कम पैसे देने से वकालत के पेशे में आने का युवाओं का उत्साह कम हो जाता है.


मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ के 20वें स्थापना वर्ष समारोहों का उद्घाटन करने के बाद, सीजेआई डी. वाई. चंद्रचूड़ ने दिल्ली हाईकोर्ट के लिए डेटा और सॉफ्टवेयर सामग्री के भंडार के रूप में कार्य करने में पीठ के योगदान की सराहना की. एडवोकेट के तौर पर अपने करियर की शुरूआत कर रहे जूनियर वकीलों को बहुत कम वेतन दिए जाने का मुद्दा उठाते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, 'कृपया यह सामंती सोच त्याग दें कि वे सीखने, अवसर पाने, अनुभव प्राप्त करने के लिए आए हैं और आप उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं.'


उन्होंने कहा कि जूनियर वकीलों से बहुत कुछ सीखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि जूनियर वकीलों को 5,000 रुपये प्रति माह जैसी कम राशि देने से वकालत के पेशे में आने का उनका उत्साह कम कर दिया जाता है. सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि जूनियर वकील आज के समय की रिएलिटी के प्रति विशेष रूप से ज्यादा जागरूक हैं. उन्होंने कहा कि जूनियर वकीलों को उनकी कड़ी मेहनत के अनुरूप सम्मानजनक राशि प्रदान की जानी चाहिए. उन्होंने कहा, 'मैं हर दिन ऑफिस में अपने जूनियर्स से बात करता हूं और उनमें से एक मदुरै से हैं. मैं उनसे हर दिन बहुत कुछ सीखता हूं क्योंकि भविष्य हमारी यंग सोसाइटी का है.'


उन्होंने कहा कि विशेष रूप से पर्याप्त वेतन के बिना कड़ी मेहनत का यह अति-रुमानीकरण केवल बयानबाजी नहीं है, बल्कि इससे लोगों से कम आराम और कम मेहनताने के साथ लंबे समय तक काम करने की उम्मीद की जाती है. पीठ की नवीनतम उल्लेखनीय उपलब्धि की सराहना करते हुए सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने डेटा और सॉफ्टवेयर का नियमित रूप से रिकॉर्ड रखने के लिए इस वर्ष मदुरै पीठ में एक आपदा राहत केंद्र स्थापित किया है.


सीजेआई ने विगेनटेनियल स्तूप का वीडियो कॉफ्रेंस के जरिए उद्घाटन किया. यहां तामुक्कम मैदान में आयोजित समारोहों में सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस एम एम सुंदरेश, जस्टिस के वी विश्वनाथन और जस्टिस आर महादेवन भी शामिल हुए.


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