CJI DY Chandrachud: ‘ये मेरे दिल के बेहद करीब है’, सीजेआई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट में जगह की कमी पर बार को दिया भरोसा
Supreme Court Annexe Building: सुप्रीम कोर्ट में जगह की भारी कमी है. इस कमी को दूर करने के लिए कोर्ट में एनेक्सी बिल्डिंग बनवाई जाएगी. इस पूरे मामले पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने अपनी बात रखी है.
CJI On Supreme Court Annexe Building: सुप्रीम कोर्ट में जगह की भारी कमी को लेकर मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा है कि नई एनेक्सी बिल्डिंग बनवाकर वो कोर्ट में जगह की इस भारी कमी को दूर करने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा कि पीडब्ल्यूडी के डिजाइन किए जा रहे नए भवन में प्राथमिक काम कानूनी संस्थान के सबसे महत्वपूर्ण हितधारकों यानी वकीलों और वादियों को पर्याप्त जगह मुहैया कराना है.
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “मैं इस तथ्य से अवगत हूं कि बार को अधिक जगह की सख्त जरूरत है, इसलिए, मैंने पीडब्ल्यूडी से कहा कि हमारे पास सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण, SCAORA के लिए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के लिए पर्याप्त सुविधाएं होनी चाहिए. इसके अलावा कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं जो दोनों संघों की सदस्य हैं. मेरा मानना है कि महिलाओं को अपनी खुद की जगह की जरूरत होती है, इसलिए हमारे पास महिला बार एसोसिएशन के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए.”
वकीलों के लिए वेटिंग एरिया भी
इसके साथ ही सीजेआई ने ये भी कहा कि पीडब्ल्यूडी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि पूरी इमारत वातानुकूलित हो. इसके साथ ही वो कोर्ट के बेहद गर्म गलियारों के लिए भी तकनीकी रास्ते भी तलाश रहे हैं. वहीं, हर मंजिल पर वकीलों और वादियों के लिए एक वेटिंग एरिया भी जरूरी है. इसके होने से अदालत आने वाले लोगों को भीड़ का सामना नहीं करना पड़ेगा. लोग अदालत के बाहर ही बैठकर अपने केस की बारी आने का इंतजार कर सकेंगे. इससे वकील भी अपना काम आराम से कर पाएंगे.
‘एक वकील मेरे अंदर भी है’
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “अक्सर बार के सदस्य मुझसे मिलने आते हैं. चाहे वो एससीबीए हो या SCAORA के. मैं पिछले हफ्ते ही SCAORA के प्रतिनिधियों से मिला और जब उन्होंने अपनी मांगे मेरे सामने रखीं तो मैंने उनसे कहा कि मैं बार की किसी भी मांग पर न नहीं कह सकता, क्योंकि मेरे अंदर भी एक वकील है जो कह रहा है कि ये मांगें कितनी जायज हैं, लेकिन पिछले 5 महीनों से मेरे अंदर एक चीफ जस्टिस भी है जिसके दिल के अंदर संस्थागत नजरिया भी है. मेरे अंदर एक वकील और एक संस्थागत प्रमुख के रूप में कभी-कभी थोड़ा संघर्ष होता है और मैं दोनों दृष्टिकोण को संतुलित करने की कोशिश करता हूं.”
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