CJI DY Chandrachud: भारत की सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ अपनी सादगी के लिए देश भर में मशहूर हैं. सीजेआई चंद्रचूड़ की सहकर्मी एडवोकेट मानसी चौधरी ने अपने ब्लॉग में उनके पुराने किस्सों को याद करते हुए बताया कि वे कितने विनम्र इंसान हैं. उन्होंने एक किस्से का जिक्र करते हुए कहा, कोर्ट के आखिरी दिन सर (डीवाई चंद्रचूड़) और हम सब पार्टी करने के लिए दिल्ली के एक बड़े रेस्टोरेंट में गए थे. वहां लोगों की भीड़ की वजह से हमेशा खाली टेबल ढूंढने के लिए इंतजार करना पड़ता है."


'एक कॉल पर बुक कर सकते थे रेस्टोरेंट'


उन्होंने कहा, "सर (डीवाई चंद्रचूड़) अपने ऑफिस से एक फोन कॉल करके रेस्टोरेंट का पूरा फ्लोर बुक करवा सकता थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और विनम्रतापूर्वक एक आम आदमी की तरह टेबल के खाली होने का इंतजार करने लगे." मानसी चौधरी ने कहा कि इस घटना को लेकर उन्होंने चीफ जस्टिस से सवाल किया कि इस पद पर रहकर भी कोई व्यक्ति इतना सरल कैसे रह सकता है. इस पर सीजेआई ने कहा, "यह सब एक दिन खत्म हो जाएगा. हमें इन सब चीजों को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए."


सीजेआई के साथ काम के रूटीन का किया जिक्र


एडवोकेट मानसी चौधरी ने अपने ब्लॉग में यह भी जिक्र किया कि सीजेआई के साथ काम करने के दौरान उनकी क्या रूटीन होती थी. उन्होंने अपने ब्लॉग में लिखा, "हमारे रोज के कामों में एक काम यह था कि हम सर (डीवाई चंद्रचूड़) को अगले दिन की फाइलों के बारे में मौखिक रूप से जानकारी देते थे. सुप्रीम कोर्ट के जजों को रोजाना सैकड़ों फाइलें देखनी होती है. इस वजह से हम उन्हें ब्रीफ करके उनका समय बचाने की कोशिश करते थे."


एडवोकेट मानसी चौधरी ने लिखा, "एक दिन किसी केस को ब्रीफ करते समय मैंने गलती से दूसरी फाइल के बारे में बात की. जिसके बाद उन्होंने (सीजेआई) गुस्सा होने के बजाय मुझे कहा कि लोग अपनी गलतियों से ही सिखते हैं. तुम भी इसी तरह सिखोगी. मैंने दराबाद में ऐसे वकीलों के साथ काम किया है जो छोटी सी गलती के लिए फाइल आपकी ओर फेंक देते हैं, लेकिन जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जो सबसे व्यस्त और सबसे महत्वपूर्ण लोगों में से एक थे, वे हमारी गलतियों से सीखने में हमारी मदद करने के लिए तैयार थे."


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