सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरराष्ट्रीय आपराधिक गिरोह संचालित करने के आरोपी चीनी नागरिक को जमानत देने से इनकार कर दिया. मंगलवार (17 सितंबर, 2024) को जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि आरोपी पर जो आरोप लगे हैं, वो काफी गंभीर हैं. कोर्ट ने आरोपी से कहा कि वह छह महीने बाद जमानत के लिए हाईकोर्ट जा सकते हैं. 


मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी. बेंच ने कहा कि चीनी नागरिक के खिलाफ आरोप बहुत गंभीर प्रकृति के हैं. चीनी नागरिक पर आरोप है कि वह अपनी वीजा की अवधि समाप्त हो जाने के बाद भी भारत में रुका और आपराधिक गिरोह संचालित करने के अलावा अन्य गैर कानूनी गतिविधियों में संलिप्त रहा.


रायन उर्फ ​​रेन चाओ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 31 जुलाई के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. हाईकोर्ट ने उसे आपराधिक मामले में उसे जमानत देने से इनकार कर दिया था. सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, 'अपराध की गंभीरता को देखिए. हम जमानत का अनुरोध करने वाली याचिका पर विचार नहीं करेंगे, क्योंकि सुनवाई जारी है. हम छह महीने की अवधि समाप्त होने के बाद हाईकोर्ट का रुख करने का विकल्प खुला रखते हैं.'


चीनी नागरिक की ओर से पेश हुए वकील पी एन पुरी ने कहा कि आरोपी 18 महीने से अधिक समय से जेल में है. इस पर पीठ ने कहा, 'यह जमानत का मामला नहीं है.' कोर्ट ने कहा कि आरोपी छह महीने बाद नई जमानत याचिका दायर कर सकता है, जिस पर हाईकोर्ट द्वारा की गई टिप्पणियों से प्रभावित हुए बिना गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जा सकता है.


रेन चाओ को 9 जुलाई 2022 को नोएडा पुलिस ने धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश समेत अन्य अपराधों को लेकर दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. उस पर विदेशी (नागरिक) अधिनियम के तहत भी आरोप दर्ज किए गए थे. चीनी नागरिक पर धोखाधड़ी से वीजा की अवधि बढ़वाने कराने का भी आरोप है. पुलिस ने बताया कि यहां फाइव स्टार होटल में छापेमारी में बीएमडब्ल्यू कार, आधार कार्ड, एटीएम कार्ड, लैपटॉप, मोबाइल फोन और पासपोर्ट समेत कई वस्तुएं बरामद की गईं.


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