Supreme Court Justice Farewell: चीफ जस्टिस (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार (18 मई) को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएस बोपन्ना को विदाई दी, जो 19 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. सीजेआई चंद्रचूड़ ने निवर्तमान जस्टिस की न्याय की प्रामाणिक भावना, समय की पाबंदी और संवेदना की सराहना की.
गर्मी की छुट्टी के लिए बंद होने से पहले सुप्रीम कोर्ट के अंतिम कार्य दिवस पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से जस्टिस बोपन्ना के सम्मान में आयोजित विदाई समारोह को संबोधित करते हुए चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि उन्होंने पांच साल के कार्यकाल में विभिन्न क्षेत्रों को लेकर 90 से अधिक निर्णय लिखे.
'जस्टिस बोपन्ना राहुल द्रविड़ के समान'
संपत्ति से लेकर नागरिक कानून तक की सेवा और उनका कार्यकाल सत्यनिष्ठा और कानून के शासन के प्रति अटूट समर्पण का प्रतीक है. चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, ‘‘मेरे विचार में जस्टिस बोपन्ना राहुल द्रविड़ के समान हैं. हमारे अपने सुप्रीम कोर्ट के श्रीमान भरोसेमंद. उनके साथ मेरी बातचीत में, पीठ में और बाहर दोनों जगह मैं निष्पक्षता और सहानुभूति के बीच संतुलन बनाए रखने की उनकी क्षमता से आश्चर्यचकित हूं.’’
2019 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने बोपन्ना
जस्टिस बोपन्ना को 24 मई, 2019 को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में पदोन्नत किया गया था. समारोह को संबोधित करते हुए जस्टिस बोपन्ना ने कहा कि देश की सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के रूप में अपना करियर समाप्त करना उनके लिए अत्यधिक संतोषजनक है. हाई कोर्ट के अपने कार्यकाल के बारे में उन्होंने कहा कि जिस तरह क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने हर मैच में शून्य से अपनी पारी शुरू की, उसी तरह हर दिन उनके लिए एक नया दिन और अनुभव था.
जस्टिस बोपन्ना ने सचिन तेंदुलकर का किया जिक्र
जस्टिस बोपन्ना ने कहा, ‘‘मुझे याद है कि सचिन तेंदुलकर ने क्या कहा था जब उनसे उनके शतकों के शतक के बारे में पूछा गया था. उन्होंने कहा था कि जब मैं अगली बार अगले मैच में बल्लेबाजी करने जाऊंगा तो मुझे फिर से शून्य से शुरुआत करनी होगी और ध्यान दूसरी पारी बनाने पर होगा और मैं शतक की उपलब्धि पर आराम नहीं कर सकता. मेरे लिए हाई कोर्ट में भी ऐसा ही अनुभव था और हर दिन एक नया दिन और सीखने का अनुभव था.’’
जस्टिस बोपन्ना का कैरियर
विदाई समारोह में हाई कोर्ट के जस्टिस, अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी और बार के कई सदस्य मौजूद थे. जस्टिस बोपन्ना का जन्म 20 मई, 1959 को हुआ था और 1984 में वह एक वकील के रूप में अपना नामांकन कराया. साल 2006 में बोपन्ना कर्नाटक हाई कोर्ट के एडिशनल जज के रूप में नियुक्त हुए. वह मार्च 2007 में स्थायी जज बने और 29 अक्टूबर, 2018 को गौहाटी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में पदोन्नत हुए.
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के सदस्य के रूप में, जस्टिस बोपन्ना ने जनवरी 2022 में चिकित्सा पाठ्यक्रम में स्नातक और स्नातकोत्तर के अखिल भारतीय कोटा (एआईक्यू) सीट में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 फीसदी आरक्षण को बरकरार रखा.
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