CJI DY Chandrachud: देश के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार (26 अक्टूबर) को  कहा कि राज्यों और केंद्र की सरकार के प्रमुखों और हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के बीच बैठकों का यह मतलब नहीं है कि कोई डील हुई है. ये बैठकें प्रशासनिक मामलों से जुड़ी होती हैं.


मुंबई विश्वविद्यालय में एक लेक्चर सीरीज को संबोधित करते हुए सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, "हम मिलते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोई समझौता हो गया है. हमें राज्य के मुख्यमंत्री (सीएम) के साथ बातचीत करनी होगी क्योंकि उन्हें न्यायपालिका के लिए बजट प्रदान करना होगा और यह बजट जजों के लिए नहीं है. अगर हम नहीं मिलते हैं और केवल पत्रों पर निर्भर रहते हैं तो ऐसे में हमारा काम नहीं होगा."


लीगल न्यूज़ पोर्टल लाइव लॉ मुताबिक सीजेआई ने कहा," जब हम मिलते हैं तो मेरा विश्वास करें, राजनीतिक व्यवस्था में बहुत परिपक्वता होती है और उन बैठकों में मेरे अनुभव में कभी भी कोई सीएम लंबित मामले के बारे में बात नहीं करता."


'न्यायिक कार्यों पर नहीं पड़ता कोई असर' 


न्यायपालिका के पूरी तरह स्वतंत्र होने पर जोर देते हुए उन्होंने बताया कि प्रशासनिक पक्ष पर न्यायपालिका और सरकार के कार्यों के बीच एक अंतर है. यह एक परंपरा है कि मुख्यमंत्री या मुख्य न्यायाधीश त्योहारों या शोक के अवसर पर एक-दूसरे से मिलते हैं, लेकिन निश्चित रूप से हमें यह समझने की परिपक्वता होनी चाहिए कि इसका हमारे न्यायिक कार्यों पर कोई असर नहीं पड़ता है.


गणेश चतुर्थी पर सीजेआई के आवास पहुंचे थे पीएम मोदी


पिछले महीने, गणेश चतुर्थी के दौरान पीएम मोदी सीजेआई चंद्रचूड़ के आवास पर पहुंचे थे. जिसको लेकर विपक्ष ने कई सवाल उठाए थे. विपक्ष ने चीफ जस्टिस  और उनकी पत्नी के साथ पीएम मोदी के पूजा में शामिल होने को लेकर भी सवाल खड़े किए थे.


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