'जजों की काबिलियत से सेक्सुअल ओरिएंटेशन का कोई लेना-देना नहीं', जानिए CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने क्यों कही ये बात
CJI DY Chandrachud: वकील सौरभ कृपाल को चुने जाने के फैसले पर सीजेआई ने कहा कि इंटेलिजेंस की रिपोर्ट में उनसे जुड़े जिन पहलुओं की बात की गई है, वो पहले से ही सार्वजनिक डोमेन पर मौजूद हैं.
!['जजों की काबिलियत से सेक्सुअल ओरिएंटेशन का कोई लेना-देना नहीं', जानिए CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने क्यों कही ये बात CJI DY Chandrachud over Gay Advocate Saurabh Kirpal Sexual Orientation has nothing to do with judges abilities 'जजों की काबिलियत से सेक्सुअल ओरिएंटेशन का कोई लेना-देना नहीं', जानिए CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने क्यों कही ये बात](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/03/19/498c031e48ff20a0846022baae220af31679197862136626_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Gay Advocate Saurabh Kirpal: भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कोलेजियम सिस्टम का बचाव करने और हाईकोर्ट में जजों की पदोन्नति प्रक्रिया के बारे में खुलकर अपनी राय रखी. सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि सेक्सुअल ओरिएंटेशन का जज की काबिलियत से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने ये बयान समलैंगिक वकील सौरभ कृपाल की पदोन्नति को लेकर हो रहे विवाद को लेकर दिया.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में बोलते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया चंद्रचूड़ ने कहा कि जजों की क्षमता को सेक्सुअल ओरिएंटेशन से नहीं जोड़ा जा सकता है. दरअसल, इस साल जनवरी में सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम ने वरिष्ठ वकील सौरभ कृपाल के हाईकोर्ट जज बनाए जाने पर खुफिया एजेंसियों के एतराज को खारिज कर दिया था.
लोगों में बढ़ाना है न्यायपालिका का भरोसा- सीजेआई
सीजेआई धनंजय वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि एतराज (केंद्र सरकार के) को वेबसाइट पर डालने की वजह वर्तमान कोलेजियम सिस्टम की आलोचना को पूरा करने की इच्छा को पूरा करने में है कि हममें पारदर्शिता की कमी है. वास्तविकता ये है कि हमारी प्रक्रियाओं को लोगों के सामने लाने से नागरिकों का हम पर विश्वास बढ़ेगा.
वकील सौरभ कृपाल को चुने जाने के फैसले पर सीजेआई ने कहा कि आप जिस उम्मीदवार की बात कर रहे हैं और इंटेलिजेंस की रिपोर्ट में उनसे जुड़े जिन पहलुओं की बात की गई है, वो पहले से ही सार्वजनिक डोमेन पर मौजूद हैं. वो उम्मीदवार पहले ही अपने सेक्सुअल ओरिएंटेशन को लेकर खुलकर सामने आ चुके हैं. आईबी की रिपोर्ट पूरी तरह से एक भावी जज के समलैंगिक उम्मीदवार के सेक्सुअल ओरिएंटेशन पर आधारित थी.
इसे सार्वजनिक डोमेन में डालते समय हमने जो कुछ कहा वो ये है कि किसी उम्मीदवार के सेक्सुअल ओरिएंटेशन का उस उम्मीदवारी का उच्च संवैधानिक पद ग्रहण करने की क्षमता या संवैधानिक पात्रता से कोई लेना-देना नहीं है.
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