CJI DY Chandrachud: भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने मंगलवार (9 जुलाई) को एक वकील को सुप्रीम कोर्ट के एक अन्य जज के बारे में शिकायत करने पर फटकार लगाई. चीफ जस्टिस ने कहा कि अगर वह कोर्ट के किसी फैसले से खुश नहीं है तो उसे समीक्षा याचिका दायर करनी चाहिए. दरअसल, वकील अशोक पांडे ने मुख्य न्यायधीश के कोर्टरूम में पहुंचकर दावा किया था कि जज ने उन्हें धमकी दी है कि वह उनका लाइसेंस सस्पेंड कर देंगे. 


चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ वकील के इस आचरण से नाराज हो गए. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में इंट्रा-कोर्ट अपील की सुविधा नहीं है. उन्होंने कहा, "अगर आप इस कोर्ट के किसी आदेश से परेशान हैं तो आपके पास समीक्षा याचिका दायर करने का उपाय है. इस कोर्ट का हर जज बहुत अनुभवी है और उनके पास वकील के तौर पर काम करने का भी दशकों का अनुभव है." इस पर वकील पांडे ने कहा कि जनहित याचिका दायर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने उन पर जुर्माना लगाया था. 


खत्म होने लगा है कि सब्र: चीफ जस्टिस 


पीटीआई के मुताबिक, वकील ने बेंच को बताया, "मैंने सिर्फ जुर्माना लगाने वाले आदेश को वापस लेने को कहा था. मगर इसके बजाय जज ने मुझे कोर्टरूम के बाहर जाने को कह दिया. उन्होंने मुझे यहां तक धमकी दे दी कि मेरा लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा." इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि वह अब अपना सब्र खोने लगे हैं. उन्होंने कहा, "मैं काफी देर से आपको सुन रहा हूं और अब मेरा सब्र खत्म होने लगा है. मैं समझ सकता हूं बाकी कोर्ट्स में क्या हो सकता है. आप कानून के अनुसार उपाय करें."


वकील अशोक पांडे ने कहा कि अगर याचिकाकर्ताओं पर कोर्ट जुर्माना लगाने लगेगी तो जनहित याचिका प्रणाली कैसे काम करेगी. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि कभी-कभी अदालतों में केस बढ़ जाते हैं. ऐसे में वकीलों और जजों के बीच तीखी नोकझोंक भी हो जाती है, लेकिन कोर्ट के जज अनुभवी हैं और वह भली-भांति जानते हैं कि ऐसे हालातों से कैसे निपटना है. 


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