E-Court Future: 'सिस्टम और नागरिकों के बीच कम होगी खाई', CJI चंद्रचूड़ ने क्यों कही ये बात?
DY Chandrachud: CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने भविष्य में ई-कोर्ट की भूमिका पर प्रकाश डाला है. उनका मानना है कि न्यायपालिका में तकनीक के इस्तेमाल से काफी कुछ आसान किया जा सकता है.
CJI Chandrachud On E-Court: भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार (11 मार्च) को 'स्मार्ट कोर्ट एंड फ्यूचर ऑफ ज्यूडिशियरी' विषय पर एक सम्मेलन को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने मुख्य रूप से न्यायपालिका में तकनीक के इस्तेमाल और ई-कोर्ट के भविष्य पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि ई-कोर्ट भविष्य की न्यायपालिका है, जहां डिजिटलाइजेशन, ई-फाइलिंग, वर्चुअल कोर्ट और ई-पेमेंट से कागज रहित अदालती कार्यवाही होगी. साथ ही, कोर्ट की सुनवाई के लिए विभिन्न स्थानों पर लोगों को ऑडियो-वीडियो स्ट्रीमिंग की सुविधा भी दी जाएगी.
चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में न्याय प्रणाली को यह सुनिश्चित करने की भी जरूरत है कि सभी को समय पर और प्रभावी न्याय मिले. उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा, "उस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए यह अनिवार्य हो गया है कि हम नागरिकों और न्याय प्रणाली के बीच की खाई को पाटने के लिए तकनीक (Technology) का उपयोग करें."
'न्याय अब आवश्यक सेवा है'
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, "...इसके अलावा, अब एक वैश्विक सहमति है कि न्याय केवल एक 'संप्रभु कार्य' नहीं है, बल्कि एक 'आवश्यक सेवा' है. इसलिए स्मार्ट कोर्ट के हमारे डिजाइन को इस बदलाव को अपनाना चाहिए और तकनीक का भरपूर इस्तेमाल किया जाना चाहिए."
'पेपरलेस अदालतों का टारगेट'
CJI ने आगे कहा कि ई-न्यायालय परियोजनाओं के दो चरण समाप्त हो गए हैं और तीसरे चरण में एक मजबूत राष्ट्रव्यापी निगरानी तंत्र विकसित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसमें पेपरलेस अदालतों का टारगेट रखा गया है, साथ ही पारदर्शिता, पहुंच और जवाबदेही को बेहतर करने के लिए (सुनवाई की) लाइव स्ट्रीमिंग पर फोकस किया जाएगा.