CJI Speech In ABA India Conference: भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार (3 मार्च) को अमेरिकन बार एसोसिएशन (ABA) इंडिया कॉन्फ्रेंस 2023 को संबोधित किया. यहां उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के युग में सच झूठी खबरों का शिकार हो गया है. उन्होंने कहा, "हम एक ऐसे युग में रहते हैं जहां लोगों के पास धैर्य की कमी है, उनकी सहनशीलता कम हो गई है. सोशल मीडिया के जमाने में अगर उन्हें आपकी बात पसंद नहीं आती है तो वो आपको ट्रोल करना शुरू कर देते हैं."
CJI चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि संविधान वैश्विक प्रथाओं को आत्मसात करने वाला एक परिवर्तनकारी दस्तावेज था, लेकिन अब हमारी दिन-प्रतिदिन की जीवन शैली महासागरों में होने वाली घटनाओं से प्रभावित होती है. उन्होंने कहा, "कानून की वजह से ही आज लोगों में भरोसा है."
'वैश्वीकरण विरोधी भावना में वृद्धि हुई है'
एबीए को संबोधित करते हुए सीजेआई ने वैश्विक मुद्दों पर भी बात की. उन्होंने कहा, "वैश्वीकरण ने अपने स्वयं के असंतोष का नेतृत्व किया है. दुनिया भर में मंदी के कई कारण अनुभव किए जा रहे हैं... वैश्वीकरण विरोधी भावना में वृद्धि हुई है. कहीं न कहीं, इसकी शुरुआत 2001 के आतंकवादी हमलों से हुई है."
सुप्रीम कोर्ट की अहमियत पर ये बोले CJI
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि COVID-19 अभी तक एक और वैश्विक मंदी थी, लेकिन यह अंधेरे में एक अवसर के रूप में उभरी. उन्होंने कहा, "वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से न्याय का विकेंद्रीकरण हुआ है और इसने न्याय तक लोगों की पहुंच को बढ़ाया है. सुप्रीम कोर्ट सिर्फ तिलक मार्ग का सुप्रीम कोर्ट नहीं है, बल्कि छोटे से छोटे गांव का सुप्रीम कोर्ट है."
'...किसी के पास अपना टीका नहीं था'
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी सभा को संबोधित किया और कहा कि स्थानीयकरण के साथ-साथ वैश्वीकरण का सबसे अच्छा उदाहरण तब था जब हमने COVID का सामना किया. मेहता ने कहा, "एक या दो देशों को छोड़कर, किसी के पास अपना टीका नहीं था. भारत ने दो स्थानीय टीके बनाए... वैश्विक स्तर पर भारत ने अमेरिका और यूरोपीय संघ की आबादी से ज्यादा लोगों को वैक्सीनेट किया."